सपनों की पुरी हुई ख्वाहिश, इस कपल ने छोड़ी अमेरिका की जॉब, अब कर रहे खेती

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सपनों की पुरी हुई ख्वाहिश, इस कपल ने छोड़ी अमेरिका की जॉब, अब कर रहे खेती

सपनों की पुरी हुई ख्वाहिश,  इस  कपल ने छोड़ी अमेरिका की जॉब, अब कर रहे खेती 


सपनों की पुरी हुई ख्वाहिश,  इस  कपल ने छोड़ी अमेरिका की जॉब, अब कर रहे खेती 

Success Story : आईआईटी में दाखिला पाने के लिए जेईई मेन्स एग्जाम और सबसे मुश्किल पड़ाव है. जेईई एग्जाम की तैयारी करने वाले अधिकांश स्टूडेंट सहमत होंगे. इसके बाद इंजीनियरिंग की पढ़ाई करके कम ही लोग विदेश की अच्छी-खासी जॉब छोड़ गांव में बसना पसंद करते हैं. लेकिन एक आईआईटियन कपल ऐसा है, जिसने अमेरिका की जॉब छोड़कर गांव में बसना पसंद किया. यह कपल हैं साक्षी भाटिया और अपर्ति माहेश्वरी. यह कपल अब मध्य प्रदेश में उज्जैन के पास एक नेचुरल फॉर्म विकसित करके खेती-बाड़ी कर रहा है.

कंप्यूटर साइंस में किया बीटेक

साक्षी भाटिया ने आईआईटी दिल्ली से और अपर्ति माहेश्वरी ने साल 2010 में आईआईटी बॉम्बे से कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया. पढ़ाई के बाद यह कपल जॉब करने अमेरिका चला गया. यहां सब कुछ अच्छा ही चल रहा था. दुनिया घूमने के शौकीन इस कपल ने 2015 में बैगपैक ट्रिप पर दक्षिण अमेरिका जाने का फैसला किया. यह ट्रिप उनके लिए लाइफ का टर्निंग प्वाइंट साबित हुई. बता दें कि साक्षी दिल्ली में पली हैं, जबकि अर्पित राजस्थान से हैं.

जब भारत वापस आने के बारे में सोचा

साक्षी और अर्पित ने दक्षिण अमेरिका की ट्रिप पर निकलने से पहले ही अपने अधिकांश सामान बेचकर एक मिनिमल जीवन अपनाने का फैसला कर लिया था. उन्होंने कुछ वक्त दक्षिण अमेरिका में बच्चों को पढ़ाया भी. इसके बाद दुनिया के दूसरे हिस्सों में भी यात्राएं की. इस यात्रा के दौरान ही उन्होंने भारत वापस लौटने के बारे में सोचा. इसके बाद कुछ समय पुडुचेरी के ऑरोविल में एक इकोविलेज में कुछ वक्त बिताया. जहां सामुदायिक जीवन, खेतिहर जीवन और पर्यावरण के बारे में काफी कुछ सीखा.

उज्जैन में आकर बनाया नेचुरल फॉर्म

इसके बाद इस जोड़ी ने 2018 में मध्य प्रदेश के उज्जैन के पास एक डेढ़ एकड़ का फॉर्म खरीदा और उसे अपने तरीके से विकसित किया. उनके इस फॉर्म हाउस का नाम जीवंतिका फॉरेस्ट है. यहां वे प्राकृतिक तरीके से फल और सब्जियां उगाते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अपर्तित और साक्षी ने कई लोगों को अपने फॉर्म हाउस में 10 दिन तक खेती सीखने और साथ काम करने का मौका भी दिया है. हालांकि यह कपल कॉमर्शियल खेती नहीं करता.

आईआईटी से अधिक मुश्किल था मिट्‌टी का घर बनाना

अपर्ति और साक्षी ने अपने हाथ से मिट्टी का एक घर बनाया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जब उनसे पूछा गया कि उनकी लाइफस्टाइल में सबसे चुनौतीपूर्ण क्या था ? तो उन्होंने कहा कि मिट्‌टी का घर बनाना. यह उनके लिए आईआईटी से भी अधिक चुनौतीपूर्ण था. उन्होंने अपने मिट्‌टी के घर में बिजली का कनेक्शन नहीं लिया है. यह घर उन्हें थकान भरे दिन के बाद शांति का अहसास कराता है.

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