बड़ी बहादुरी का काम करता है ये कुत्ता, कंधे पर है 4 जिलों को बचाने की जिम्मेदारी, जानिए कौन है डेस्टिन ?
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मात्र ढाई साल के डस्टिन पर चार जिलों की सुरक्षा की जिम्मेदारी है। न केवल विस्फोटक की सूचना पाकर दौड़ता है, बल्कि प्रधानमंत्री से लेकर गृहमंत्री तक के वीवीआईपी कार्यक्रम तक में सुरक्षा संभालनी पड़ती है। गृहमंत्रालय के अंतर्गत खुफिया विभाग की टीम काम करती है, जिसमें डॉग स्कवॉड की टीम भी शामिल की गई है। टीम में रेंज स्तर पर छह सदस्य होते हैं।
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आर्मी के मेरठ मुख्यालय से रोहतक भेजा गया है खोजी कुत्ता
उसमें एक इंचार्ज, चार मेटल डिटेक्टर एक्सपर्ट और साथ में खोजी कुत्ता और उसको संभालने वाला कर्मचारी होता है। खोजी कुत्ते को विस्फोटक पदार्थ सुंघने की ट्रेनिंग दी जाती है। मोती के रिटायर होने के बाद डस्टिन ने ड्यूटी संभाली है| डॉग स्कवायड टीम में पहले लेब्रा नस्ल का डॉग था, जिसे 11 साल की उम्र में दो साल पहले रिटायर कर दिया गया। इसके बाद आर्मी के मेरठ स्थित मुख्यालय से इसी नस्ल के डस्टिन को लाया गया। अब उसकी उम्र मात्र ढाई साल है। खाली समय में डस्टिन को दो-तीन दिन में एक ट्रेनिंग देनी पड़ती है। डेस्टिन के लिए मुख्यालय से मेन्यू बनकर आता है, पुलिस लाइन में डॉग स्क्वॉड कार्यालय है, जहां डॉग को रखा जाता है। मुख्यालय से उसके भोजन की सूचना आती है। सर्दियों और गर्मियों में अलग-अलग भोजन प्रदान किया जाता है। इसमें अंडा, चिकन, रोटी और मांस शामिल है। साथ ही, प्रतिदिन डेढ़ लीटर दूध भी दिया जाता है।
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अधिकारियों के मुताबिक़, रेंज के अंदर खुफिया विभाग की डॉग स्क्वॉड टीम रेंज मुख्यालय रोहतक में स्थित है। इस टीम के सदस्य कुत्ते के साथ रोहतक, सोनीपत, जींद और झज्जर जैसे जिलों में जाते हैं। वर्तमान में, इस टीम में ढाई साल के लेब्रा नस्ल के कुत्ते डस्टिन शामिल हैं। डस्टिन को सेना के मेरठ स्थित मुख्यालय से रोहतक भेजा गया था।