हरियाणा के इस शहर में स्थित यह इमारत याद दिलाती है आगरा का ताजमहल,जानिए कहां है ये शेखचिल्ली का मकबरा
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Haryana khabar : राजाओं महाराजाओं का देश है भारत जहाँ आज भी इमारते उनकी बुलंद समराज्य की गाथा गाते है आपने देश की कई बड़ी ईमारते देखी होंगी जिनकी भव्यता अपने आप मे अनोखी है जिनकी नाकाशी से लेकर वास्तु सब ही अनोखा है। आज ऐसी ही एक ईमारत की बात करने जा रहे है.
हरियाणा के कुरुक्षेत्र मे स्थित यह ईमारत अपने आप मे ही इतिहास के पन्नों की गवाह है हम बात कर रहे है जिले मे स्थित शेख चिल्ली के मक़बारे की जिसकी संरचना हूबहू आगरा के ताजमहल की तरह की गई है कहा जाता है की इस मे भी वही पत्थर इस्तेमाल किया गया जो आगरा के ताजमहल मे लगाया गया था इसकी बनावत भी बिलकुल ताजमहल जैसी ही है ऐसी वजह से देश के प्रमुख स्मारको मे शामिल इस मक़बारे को हरियाणा का ताजमहल भी कहा जाता है।
कब हुआ इसका निर्माण
यदि दिल्ली से अमृतसर तक का रास्ता नापे तो कही भी बीच रास्ते मे कोई भी ऐसी स्मारक नहीं मिलेगी जिसमे शाहजहां के समय का संगमरमर पत्थर लगा हो लेकिन इस इमारत में इस पत्थर का इस्तेमाल किया गया है बता दे यह शेख चिल्ली का मकबरा प्रसिद्ध सूफी संत शेखचिल्ली की याद में दारा शिकोह ने लगभग 1650 ई.सी में बनवाया था इस मकबरे में दारा शिकोह के पठन पाटन और अध्यात्मिक का भौतिक प्रतीक है
मकबरे की स्थापत्य कला बेजोड़ है जो हर्ष के टीले के नाम से विख्यात प्राचीन किले के पूर्वी किनारे पर स्थित है शेखचिल्ली की मृत्यु के बाद उसकी शिक्षा में इस मकबरे का निर्माण करवाया था समय के साथ इस किले के अस्तित्व धूमिल होता चला गया |
लेकिन हरियाणा सरकार ने इसे फिर से पुरातत्व विभाग को सौंप दिया है जिसके बाद से पूर्णतया से जीवंत कर दिया जाएगा इस स्थान तो सैलानी आकर इतिहास के बारे में जान सकेंगे इससे ना सिर्फ कुरुक्षेत्र बल्कि हरियाणा को भी पर्यटन की दृष्टि से लाभ होगा