सिसोदिया की जमानत याचिकाओं पर SC का ED-CBI को नोटिस, 28 जुलाई तक जवाब मांगा, जनेगे क्या है आरोप

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सिसोदिया की जमानत याचिकाओं पर SC का ED-CBI को नोटिस, 28 जुलाई तक जवाब मांगा, जनेगे क्या है आरोप

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Haryana khabar : दिल्ली शराब नीति केस में शुक्रवार को ED और CBI मामलों में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिकाओं पर सप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने दोनों एजेंसियों को नोटिस जारी कर 14 दिन में जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी। सुप्रीम कोर्ट की तीन जजाें की बेंच जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां मामले की सुनवाई कर रही है। बेंच ने कहा कि 28 जुलाई को एजेंसियों के जवाब सुनने के बाद सिसोदिया की याचिका पर विचार करेंगे।

आज कोर्ट में क्या हुआ

सुनवाई शुरू होते ही जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि आम तौर पर अदालत नीतिगत फैसलों में हस्तक्षेप नहीं करती, लेकिन यह अन्य कारणों से नीति बनाने का मामला है। सिसोदिया की ओर से कोर्ट में पेश हुए सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा- मेरे मुवक्किल पर जो आरोपों लगे हैं, उससे जुड़े कोई सबूत नहीं हैं। सिसोदिया की पत्नी बीमार हैं, ऐसे में उन्हें अंतरिम जमानत मिलनी चाहिए। जिससे वो अपनी पत्नी से मिल सकें।जस्टिस खन्ना ने कहा- हमें सिसोदिया की बीमारी के बारे में पता है। हम यह भी जानते हैं कि उनकी बीमारी तेजी से बढ़ रही है। सिंघवी की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने पहले मामले की अगली सुनवाई के लिए 21 अगस्त की तारीख तय कर दी थी। सिसोदिया के वकील ने कोर्ट से मामले की सुनवाई जल्दी करने की अपील की। इस पर कोर्ट ने अगली सुनवाई 28 जुलाई तय की है।

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शराब नीति केस में सिसोदिया 139 दिनों से जेल में बंद हैं। CBI ने भ्रष्टाचार मामले में 26 फरवरी को सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। वहीं ED ने मनी लॉन्ड्रिंग केस के तहत 9 मार्च को सिसोदिया की गिरफ्तारी की थी। दोनों मामलों में जमानत के लिए मनीष ने पहले हाईकोर्ट का रुख किया था। दिल्ली हाईकोर्ट ने 3 जुलाई को मनीष को जमानत देने से मना कर दिया था। इससे पहले ट्रायल कोर्ट भी 31 मार्च को मनीष को बेल देने से इनकार कर चुकी है। आखिर में मनीष ने 6 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।मनीष सिसोदिया फिलहाल तिहाड़ जेल में हैं। 3 जून को हाई कोर्ट ने बीमार पत्नी से मिलने के लिए मनीष को 7 घंटे की जमानत दी थी। हालांकि वह मिल नहीं पाए थे।

CBI जांच, 26 फरवरी को गिरफ्तारी
CBI ने 17 अगस्त को सिसोदिया और अन्य 13 के खिलाफ एक FIR दर्ज की थी। जिसके बाद लगातार जांच होती रही। 26 फरवरी को भ्रष्टाचार के मामले में एजेंसी ने सिसोदिया को अरेस्ट किया। शराब नीति मामले की CBI जांच का आदेश जुलाई में उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना की एक शिकायत के आधार पर दिया गया था।

जहां उन्होंने कुछ व्यक्तियों और शराब कारोबारियों को लाभ पहुंचाने के लिए कथित तौर पर नियमों में बदलाव किए जाने की विस्तृत जांच की मांग की थी। ऐसे सुझाव भी थे कि सत्ता में बैठे लोगों को रिश्वत दी जा रही थी, जो कि सिसौदिया तक पहुंच रही थी, जिनके पास एक्साइज डिपार्टमेंट था।

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ED की जांच, 9 मार्च को गिरफ्तारी
ED ने CBI की FIR कॉपी के आधार पर 22 अगस्त 2022 को शराब घोटाले में सिसोदिया के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। करीब 10 महीने तक जांच-पड़ताल करने के बाद 1 जून को ED ने अपनी जांच पूरी की। ED ने इस मामले में चार चार्जशीट दाखिल कीं।

ED ने कोर्ट को बताया कि उनके पास सिसोदिया के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। ED के मुताबिक, सिसोदिया ने सबूत छिपाने के लिए 14 फोन और 43 सिम कार्ड बदले। जिनमें से पांच सिम सिसोदिया के नाम पर ही थे। जिसके बाद ED ने 9 मार्च को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सिसोदिया को अरेस्ट कर लिया।

ED ने मनीष सिसोदिया की 2 प्रॉपर्टीज सील की
ED ने 7 जुलाई को 52.24 करोड़ की प्रॉपर्टीज जब्त की थी। इसमें दिल्ली के पूर्व डिप्टी CM मनीष सिसोदिया और उनकी पत्नी सीमा सिसौदिया की 2 प्रॉपर्टीज सील की गई हैं। उनके 11 लाख रुपए के बैंक बैलेंस को भी होल्ड पर रख दिया गया है।

इसके अलावा, अमनदीप सिंह ढल्ल, राजेश जोशी, गौतम मल्होत्रा ​​सहित सिसोदिया के अन्य करीबियों की प्रॉपर्टी भी जब्त की गई है। ED ने यह कार्रवाई बिजनेसमैन दिनेश अरोड़ा को गिरफ्तार करने के बाद की। दिनेश को सिसोदिया का करीबी माना जाता है।

ED ने मई में फाइल की अपनी सप्लिमेंट्री चार्जशीट में जिक्र किया था कि दिनेश, सिसोदिया के खास हैं। वे एक अन्य बिजनेसमैन अमित अरोड़ा से पैसे लेकर सिसोदिया तक पहुंचाते थे। उन्होंने अमित को फायदा पहुंचाने और शराब नीति में बदलाव करने के लिए सिसोदिया को करीब 2.2 करोड़ की घूस पहुंचाई थी।

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