इंडियन रेलवे की नई पहल , अब ट्रेन टिकट लेते ही मिलने वाली है ये सुविधाएं
Haryana khabar : दुनिया के चौथे बड़े रेल नेटवर्क इंडियन रेलवे में करीब 2.4 करोड़ पैसेंजर रोज सफर करते हैं। भारतीय रेल यात्रियों की यह संख्या श्रीलंका की कुल आबादी 2.22 करोड़ से भी ज्यादा है।
ये पैसेंजर एसी फर्स्ट क्लास, सेकंड क्लास, स्लीपर और जनरल कम्पार्टमेंट में टिकट लेकर ट्रैवल करते हैं। रेलवे के एसी क्लास में खाने-पीने से लेकर हर तरह की सुविधाएं मिलती हैं। जनरल क्लास में सफर करने वाले पैसेंजर्स की संख्या एसी क्लास में ट्रैवल करने वाले पैसेंजर्स से कई गुना ज्यादा होती है। वैसे रेलवे हर क्लास के यात्रियों को सुविधाएं मुहैया कराता है।
अब जनरल कोच में भी खाली पेट सफर करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। 20 रुपए में एक प्लेट खाना मिलने लगा है। अगर शताब्दी, राजधानी या दुरंतो एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों में सफर कर रहे हैं और ट्रेन देर से चल रही है तो यात्री को खाना-पीना सब फ्री में मिलेगा। अगर ट्रेन 2 घंटे या उससे ज्यादा की देरी से प्लेटफॉर्म पर आती है तो सफर करने वाले यात्रियों को फ्री में खाना दिया जाता है। हालांकि एक्सप्रेस या लोकल ट्रेन में सफर करने वालों को ये सुविधा नहीं दी जाती।
पैसेंजर की अगर चलती ट्रेन में तबीयत बिगड़ जाए तो रेलवे की तरफ से कई सुविधाएं दी जाती हैं। पैसेंजर को घबराने की जरूरत नहीं है। रेलवे सुविधाओं के तहत यात्री को फर्स्ट एड, दवाइयां और डॉक्टर तक की सुविधा मिलती है। रेल सफर में मेडिकल इमरजेंसी फैसिलिटी के लिए मोबाइल से 139 पर कॉल कर सकते हैं। IRCTC की वेबसाइट पर जाकर हेल्पलाइन में मेडिकल हेल्प की भी गुजारिश की जा सकती है।
रेलवे ने यात्रियों को इमरजेंसी सुविधाएं देने के लिए दो साल पहले ‘रेल मदद ऐप’ लांच किया, जिसे गूगल प्ले स्टोर से एंड्रॉयड फोन में डाउनलोड किया जा सकता है। इस ऐप के जरिए यात्री मेडिकल सुविधा पा सकते हैं और रेलवे संबंधी कोई भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं जैसे-ट्रेन लेट होना, सुरक्षा न मिलना, कोच में सफाई की कमी, स्टाफ का गलत बर्ताव। इस ऐप में आप अपने द्वारा दर्ज शिकायत को ट्रैक भी कर सकते हैं।
फर्स्ट एसी का किराया थर्ड एसी से लगभग तीन गुना होता है। अगर हनीमून या किसी ऐसे ट्रिप पर जाना चाहते हैं जहां आपके लिए प्राइवेसी मैंटेन करना जरूरी है तो आप फर्स्ट एसी में सफर कर सकते हैं। दरअसल, फर्स्ट एसी में आपको बाकी कैटेगरी की तुलना में अधिक सुविधाएं मिलती हैं।
रेल यात्रियों को टिकट खरीदते वक्त बीमा सुविधा का विकल्प दिया जाता है। इसे भरते समय अपनी सही डिटेल और नॉमिनी का नाम ठीक से देना चाहिए।
इस बीमा के तहत अगर रेल एक्सीडेंट में किसी यात्री की मृत्यु हो जाती है या वो स्थायी रूप से विकलांग होता है तो उसे 10 लाख रुपए तक मिलते हैं। अगर पैसेंजर विकलांग होता है तो 7.5 लाख रुपए दिए जाते हैं। वहीं गंभीर रूप से घायल होने पर 2 लाख रुपए की सहायता दी जाती है और मामूली रूप से घायल होने पर यात्रियों को रेलवे की ओर से 10 हजार रुपए तक मिलते हैं।
ट्रेन एक्सीडेंट के 4 महीने के भीतर पैसेंजर अपने बीमा का दावा कर सकते हैं। आईआरसीटीसी की तरफ से मिलने वाली इस सुविधा के लिए आपने जिस बीमा कंपनी से भी इंश्योरेंस खरीदा है, उस कंपनी के ऑफिस में जाकर आप बीमा के लिए क्लेम फाइल कर सकते हैं।