IAS बननें के लिये छोड़ी 6 नौकरियाँ , मंत्री से भी लड़ना पड़ा ,काटि जेल : जानिए पूरी कहानी

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IAS बननें के लिये छोड़ी 6 नौकरियाँ , मंत्री से भी लड़ना पड़ा ,काटि जेल : जानिए पूरी कहानी

संगीता कालिया


अपनी हिम्मत इमानदारी वह साहस की वजह से अपने पद पर बनी रही उन्हें अपनी आन बान पर कभी दाग नहीं लगने दिया

 

 

 

Haryana khabar (Khushi Tanwar): अपनी हिम्मत इमानदारी वह साहस की वजह से अपने पद पर बनी रही उन्हें अपनी आन बान पर कभी दाग नहीं लगने दिया और कहा कि इसी काम को मैंने हर एक पोस्टिंग पर करने की कोशिश की है। मैंने न तो कभी झूठ का सहारा लिया और न ही लूंगी। जी हां हम बात कर रहे हैं आईपीएस संगीता कालिया की जिसको तेज तर्रार महिला अधिकारियों की गिनती में गिना जाता है

 

हरियाणा में तैनात आईपीएस अधिकारी संगीता कालिया की गिनती तेज-तर्रार महिला अधिकारियों में होती है। उनके पिता पुलिस विभाग में कारपेंटर थे। वह छह नौकरियां छोड़कर आईपीएस बनीं। एसपी पद पर रहते हुए बीजेपी मंत्री से भिड़ींं और सजा भुगतीं। जानिए कौन है ये तेजतर्रार अफसर।

उड़ान सीरियल से ली थी प्रेरणा

 

आईपीएस संगीता कालिया के पिता धर्मपाल फतेहाबाद पुलिस में पेंटर थे और 2010 में वहां से रिटायर हुए। संगीता ने अपनी पढ़ाई भिवानी से की और 2005 में पहली यूपीएससी परीक्षा दी, लेकिन 2009 में तीसरे प्रयास में परीक्षा पास हुई। संगीता कालिया के मुताबिक, उन्हें पुलिस में आने की प्रेरणा उड़ान सीरियल देख कर और उनके पिता से मिली है। उनके पति विवेक कालिया भी हरियाणा में एचसीएस हैं। संगीता कालिया वो शख्सियत है, जो छह नौकरियों के ऑफर को छोड़कर पुलिस विभाग में आईं हैं। भिवानी जिले के एक साधारण परिवार में जन्मी। कुछ अलग करने का सपना देखा और उसे पूरा किया। वर्दी पहनते हुए कसम खाई थी कि इसकी आन-बान पर कोई दाग नहीं लगने दूंगी और इसी काम को मैंने हरेक पोस्टिंग पर करने की कोशिश की है। मैंने न तो कभी झूठ का सहारा लिया और न ही लूंगी।

रेलवे में मिली नौकरी

 

संगीता ने साल 2005 में सिविल सर्विसेज का पेपर दिया, लेकिन वे सफल नहीं हुई। रेलवे में नौकरी मिली, लेकिन उन्होंने ज्वाइन नहीं की। 2009 बैच में तीसरे प्रयास में IPS में सिलेक्ट संगीता लिटरेचर और म्यूजिक में भी दिलचस्पी रखती हैं। रोजाना 15 घंटे काम करती हैं। फतेहाबाद में महिला थाना की बिल्डिंग बनवाने का श्रेय भी एसपी संगीता कालिया को ही जाता है। इसके अलावा कई ब्लाइंड मर्डर केस भी उनके नेतृत्व में फतेहाबाद पुलिस ने सुलझाएं हैं।आईपीएस संगीता कालिया मूलरूप से भिवानी जिले की रहने वाली हैं। फतेहाबाद के बाद उनका तबादला रेवाड़ी किया गया। उसके बाद कुछ समय तक भिवानी व पानीपत में रहीं। अब वह रेलवे में एसपी के तौर पर कार्यरत हैं।

गृह मंत्री अनिल विज के बीच विवाद लेकर आई सुर्खियों मेंआई सुर्खियों में

 

 

बहुत कम लोगों को पता है कि जिस टाइम पुलिस विभाग में उसके पिता पुलिस कॉरपोरेटर हुआ करते थे उसी ही विभाग में उनकी बतौर एसपी उनकी पहली पोस्टिंग हुई थीपिता धर्मपाल जिस वर्ष में पुलिस विभाग से रिटायर हुए, उसी वर्ष 2010 में हरियाणा पुलिस में संगीता कालिया ने आईपीएस के पद पर ज्वाइन किया। बेहद ईमानदारी अफसर मानी जाती हैं और मंत्री विज से विवाद को लेकर सुर्खियों में आई थीं

मंत्री से विवाद और सजा भी मिली

जिनकी 27 नवंबर 2015 को फतेहाबाद में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से बहस हो गई थी। उस समय अनिल विज वहां के कष्ट निवारण समिति के अध्यक्ष थे। एक शिकायत की सुनवाई के दौरान विज ने कालिया को गेट आउट कह दिया था। कालिया बाहर नहीं गई तो विज को खुद बैठक छोडऩी पड़ी थी। बाद में कालिया का तबादला कर दिया गया था। संगीता कालिया का वर्ष 2018 में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से विवाद हुआ था। तब भी वह चर्चा में रहीं। अनिल विज फतेहाबाद में कष्ट निवारण समिति की बैठक ले रहे थे। नशे की बिक्री संबंधित एक शिकायत पर विज ने संगीता कालिया से जवाब मांगा। तब संगीता कालिया ने जवाब दिया कि हमने शराब तस्करों पर साल में ढाई हजार मामले दर्ज कर दिए। पुलिस किसी को गोली तो मार नहीं सकती। इसी बात पर विज व संगीता कालिया के बीच कहासुनी हुई, जिसके बाद बैठक बीच में ही रोकनी पड़ी थी।

मूलरूप से भिवानी की हैं संगीता कालिया

आईपीएस संगीता कालिया मूलरूप से भिवानी जिले की रहने वाली हैं। फतेहाबाद के बाद उनका तबादला रेवाड़ी किया गया। उसके बाद कुछ समय तक भिवानी व पानीपत में रहीं। अब वह रेलवे में एसपी के तौर पर कार्यरत हैं।

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