हरियाणा सरकार ने लिया बड़ा फैसला, जमीन रजिस्ट्री के बाद कराना होगा म्यूटेशन

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हरियाणा सरकार ने लिया बड़ा फैसला, जमीन रजिस्ट्री के बाद कराना होगा म्यूटेशन

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Haryana Khabar : हरियाणा में किसी तरह की जमीन की रजिस्ट्री के बाद म्यूटेशन भी ऑनलाइन होगा। प्रॉपर्टी म्यूटेशन कराए बिना स्वामित्व का हस्तांतरण पूरा नहीं होता। जमीन का म्यूटेशन सरकारी रिकॉर्ड्स अपडेट करने और जमीन के स्वामित्व में बदलाव के मद्देनजर जरूरी है।

बिजली-पानी के लिए अप्लाई करते समय भी म्यूटेशन के दस्तावेजों की दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गुरुवार को चंडीगढ़ में वेब हैलरिस में म्यूटेशन के ऑटोमेटेड जेनरेशन मॉड्यूल की शुरुआत की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पोर्टल के लांच होने से अब किसी भी संपत्ति/जमीन का इंतकाल (म्यूटेशन) रजिस्ट्री के तुरंत बाद हो सकेगा। इसके साथ ही म्यूटेशन की जानकारी भी पोर्टल पर उपलब्ध हो जाएगी, जिसे कोई भी चेक कर सकता है।

म्यूटेशन पर कोई भी आपत्ति दर्ज कराने के लिए 10 दिनों की समयावधि दी जाएगी। अगर कोई 10 दिनों के भीतर आपत्ति दर्ज करवाता है तो म्यूटेशन को विवादित माना जाएगा और इंतकाल नहीं होगा। यदि कोई आपत्ति नहीं आई तो स्वत: इंतकाल (म्यूटेशन) हो जाएगा। उन्होंने कहा कि फिलहाल किसी भी जमीन या संपत्ति की बिक्री, मॉर्टगेज विद पोजेशन, पारिवारिक हस्तांतरण और उपहार का म्यूटेशन किया जाएगा।

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मनोहर लाल ने कहा कि वर्ष 2019 में इंतकाल (म्यूटेशन) की प्रक्रिया को डिजिटल बनाना बीजेपी के घोषणा पत्र की प्रमुख घोषणाओं में से एक थी। पूरे सिस्टम पर गहन अध्ययन करने के बाद गुरुवार को यह पोर्टल लॉन्च किया गया है। उन्होंने कहा कि व्यवस्था से परिवर्तन के लिए पहल जनहित में है।

इस पोर्टल की लॉन्चिंग स्वच्छ और पारदर्शी शासन सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। उन्होंने कहा कि पहले म्यूटेशन कराना किसी महाभारत से कम नहीं होता था, लोगों को इसके लिए दर-दर भटकना पड़ता था।

इसी को देखते हुए हमने सब कुछ आईटी प्लैटफॉर्म पर लाने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार विवादास्पद म्यूटेशन के मुद्दे को भी हल करने की दिशा में तेजी से काम कर रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई मुकदमा न हो।

प्रॉपर्टी म्यूटेशन का मतलब प्रॉपर्टी को बेचने या ट्रांसफर करने के समय टाइटल ओनरशिप में बदलाव से होता है, जो जमीन राजस्व विभाग के रिकॉर्ड्स में दर्ज होता है। जो लोग जमीन खरीदते हैं या जिन्हें प्रॉपर्टी वसीयत या बतौर गिफ्ट डीड मिलती है, उनके लिए प्रॉपर्टी म्यूटेशन अनिवार्य है।

जमीन से जुड़े रिकॉर्ड्स का म्युनिसिपल दफ्तर, जो रखता है, वहां म्यूटेशन की प्रक्रिया पूरी की जाती है। प्रॉपर्टी म्यूटेशन के लिए अप्लाई करने को लेकर कुछ राज्यों ने ऑनलाइन सर्विसेज भी लॉन्च की है। प्रॉपर्टी म्यूटेशन की फीस आमतौर पर 25 रुपये से 100 रुपये के बीच होती है।

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