किसानों ने ठंडे पानी में खड़े होकर किया अनोखा प्रदर्शन, सरकार से कर रहे हैं यह मांग
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haryana Khabar : हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर के लिए अधिग्रहित जमीन का मुआवजा बढ़वाने के लिए किसानों ने जल समाधि सत्याग्रह शुरू कर दिया है। मांडौठी गौशाला के पास से गुजर रही गुड़गांव वाटर सप्लाई नहर में किसान नंगे बदन खड़े हो गए हैं। महिलाएं भी हौसला बढ़ाने के लिए उनके साथ नहर में खड़ी हो गई हैं।
नहर में खड़ी महिलाओं ने ठंडे पानी के बीच में ही भजन गाए और तैराकी भी की। ठंडे पानी के बीच खड़ी महिलाओं ने कहा कि मुख्यमंत्री ने वादा किया था कि 10 फरवरी तक उनका मुआवजा बढ़ा दिया जाएगा। लेकिन उनका मुआवजा नही बढ़ाया गया।
महिलाओं ने बताया कि किसानों की जमीन जाने के बाद उनके पास खाने-कमाने के लिए कुछ नहीं बचेगा। कम से कम इतना मुआवजा तो मिले कि बच्चे कोई रोजगार कर सकें। महिलाओं ने सरकार से 10 करोड़ प्रति एकड़ मुआवजे की मांग की है।
दरअसल हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर में लिए कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेस-वे से लगी जमीन का अधिग्रहण किया गया है। केएमपी को ना तो स्टेट हाईवे का दर्जा प्राप्त है और ना ही नेशनल हाईवे का। इसके कारण किसानों के मुआवजे की गणना में काफी अंतर आया हुआ है।
मुआवजा बढ़वाने के लिए किसान पिछले 42 दिनों से केएमपी टोल के पास धरना दे रहे हैं। किसान नेता रमेश दलाल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने वायदा करके भी वायदा नहीं निभाया। इसलिए जब तक मांगे पूरी नही होंगी तब तक आंदोलन चलता ही रहेगा।
बता दें कि हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर का निर्माण सोनीपत से पलवल तक होना है। सोनीपत, फरीदाबाद, गुरूग्राम और झज्जर जिले के किसानों की जमीनों का अधिग्रहण हुआ है। झज्जर में मुआवजा घोषित होने के बाद किसानों ने आन्दोलन शुरू किया है। अभी सोनीपत का मुआवजा घोषित होना बाकी है। किसानों का कहना है कि अगर मुआवजे पर कोई सटीक फैसला सरकार नहीं ले पाई तो झज्जर जिले से शुरू हुआ आंदोलन सोनीपत जिले में भी तेजी से फैलेगा