पत्नी ड्राइवर तो पति कंडक्टर, महिलाओं के लिए बन रही एक अलग मिशाल
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Haryana Khabar : ऐसा अक्सर कहा जाता है कि पति और पत्नी जीवन के दो पहिए है। और उन्ही के कारण जिंदगी रूपी गाड़ी चलती है। ऐसा ही कुछ कमाल कर दिखाया है। वेद कुमारी और उसके पति ने। जोकि इसके मिशाल बन चूक है।
दरअसल, रोडवेज बस को पत्नी बतौर ड्राइवर चलाती हैं, उसी में पति कंडक्टर बन टिकट काटते हैं। पत्नी वेद कुमारी ने दो हफ्ते पहले ही यहां ट्रेनिंग करनी शुरू की है, जबकि पति मुकेश कुमार 2019 से ही लोनी डिपो पर परिचालक के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। पुरुषों का ही क्षेत्र माने जाने वाले इस प्रफेशन को वेद कुमारी बखूबी संभाल रही हैं। इसके साथ ही वह अपने दो बच्चों और घर की देखभाल भी कर रही हैं।
बुलंदशहर के खन्दोई गांव के रहने वाले मुकेश कुमार बताते हैं कि उनकी शादी को 17 साल हो चुके हैं। पत्नी की जब शादी हुई थी तो वह पुलिस में भर्ती होना चाहती थी। इसके लिए तैयारी भी कर रही थी। लेकिन कुछ लोगों के यह कहने पर कि यह प्रफेशन महिलाओं के लिए सही नहीं है|
उन्होंने सब कुछ छोड़कर परिवार की तरफ ध्यान दिया। मैंने उसी वक्त उनका ड्राइविंग लाइसेंस बनवा दिया था। बाद में जब देखा कि रोडवेज महिला चालकों की भर्ती कर रहा है तो मैंने इनका फॉर्म भरवाया दिया। इनका चयन भी हो गया। फिलहाल हम दोनों ही बिजनौर, हापुड़ जैसे रूट पर एक ही बस में साथ में ड्यूटी करते हैं। बाकी ट्रेनिंग पूरी होने के बाद अधिकारी फैसला लेंगे कि दोनों की नियुक्ति कहां होगी।
वेद कुमारी बताती हैं कि उनका बेटा 14 साल का है, बेटी अभी चार साल की है। लेकिन दोनों काफी सहयोग करते हैं। कई बार उन्हें अकेले छोड़कर जाना पड़ता है। शुरुआत में जब पति ने चालक के तौर पर मेरा फॉर्म जमा किया तो अजीब लगा, लेकिन पति के सहयोग के कारण मैंने सब कुछ नजरअंदाज करते हुए अपने प्रशिक्षण पर ध्यान दिया।
काम करने में मज़ा आ रहा है। जो काम मैं पहले नहीं कर पाई, अब पति के कारण दोबारा कर रही हूं। ऐसा लग रहा है जैसे सपना पूरा हो रहा हो। आत्मविश्वास बढ़ गया है। लोनी डिपो एआरएम राजेश कुमार ने कहा कि फिलहाल वेद कुमार प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं, लेकिन पति-पत्नी को दोनों जब भी ड्यूटी दी जाती है तो कोशिश होती है कि एक साथ ही ड्यूटी दी जाए।