28 साल में 115 बार दिया रक्तदान भगवान तो नहीं लेकिन भगवान से कम भी नहीं आखिर कौन है यह युवक।
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Haryana Khabar : यह झूठ है कि आज के जमाने में इंसानियत नहीं होती।आपको बता दें,कि जहां पर लोग इंसान को चोट लगने पर, एक्सीडेंट होने पर बचाते तक नहीं केवल दूर खड़े होकर ही वीडियो बनाते हैं उन्ही सौ परसेंट में से कुछ ही लोग ऐसे होते हैं जो व्यक्ति की जान बचाते हैं
जिनके अंदर इंसानियत होती है। लोग अपनी अच्छाई को दिखाने के लिए मंदिरों में प्रसादी करवाते हैं और जगह-जगह पर दान करते हैं। लेकिन आज के युग में कुछ ही लोग अच्छे हैं और अपनी अच्छाई दिखाने के लिए सोच ही काफी है।
आपको बता दें कि जहां लोग दूसरे लोगों को मरने के लिए छोड़ देते हैं उसी बीच एक इंसानियत की जीती जागती तस्वीर सामने आ रही है। जी हां, हरियाणा के भिवानी के एक युवक जिसने 115 बार रक्तदान किया।
अपनी टीम के साथ मिलकर करते हैं मदद।
दरअसल आपको बता दें कि भिवानी के रहने वाले राजेश डूडेजा, जो कि 28 साल में तकरीबन 115 बार रक्तदान कर चुके हैं। बताते हैं कि सन् 1995 में जब एक गर्भवती महिला को रक्त की ज़रूरत थी तब उस समय रक्तदान की मुहिम चला रहे अध्यापक प्यारेलाल सांगवान से प्रभावित होकर उन्होने उस महिला के लिए रक्तदान किया था।
तब से राजेश ने प्यारेलाल सांगवान को गुरु मान लिया और वह 1995 से अब तक 28 साल में 115 बार रक्तदान कर चुके हैं। लेकिन जब उन्होंने 100वीं बार रक्तदान किया तब रेडक्रास की तरफ से राज्यपाल ने उन्हें सम्मानित कर प्रमाण पत्र दिया था।
बता दे,कि जब से लेकर अब तक राजेश को उनकी अच्छाई के कारण जिले भर में सभी लोग उन्हे ‘दानवीर’ के नाम से जानते हैं। साथ ही राजेश के पास प्रमाण पत्रों, प्रशस्ति पत्रों, स्मृति चिह्नों की भरमार है और उन्हें कई संस्थाओं के द्वारा सम्मानित भी किया गया है।
संकट के काल में भी डटे रहे राजेश डूडेजा।
जानकारी के लिए बता दें, कि राजेश डूडेजा ने व्हाट्सएप पर 58 वाट्सएप ग्रुप बनाए हुए हैं। वह अपनी टीम के साथ काम करते हैं। बता दें,कि भिवानी के निवासी राजेश की टीम हमेशा मदद के लिए तैयार रहती है। बता दें,कि इनकी टीम में 5 हज़ार के क़रीब सदस्य हैं,जिनमे से करीब ढाई हज़ार एक्टिव सदस्य हैं।
इनकी टीम दिन रात नहीं देखते और अपने काम में लग रहते है। बता दें, कि यह हमेशा दिन रात की परवाह न करके हर जरूरतमंद की मदद के लिए जाते है और साथ ही उनकी टीम ने कोरोना काल में बहुत सराहनीय कार्य किया है। बल्कि दूसरे जिलों में भी उनकी टीम रक्तदान के लिए गई थी। बता दें, कि जब कोरोना काल में लोग अपनों की मदद करने से डर गए थे उस समय भी वह रक्तदान के लिए हमेशा तैयार रहे।