शानदार धोखाधड़ी: बैंक डायरेक्टर का धमाकेदार एयरपोर्ट फ्रॉड, 21 अरब का दिया लोन
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शानदार धोखाधड़ी: दुनिया में कई धोखाधड़ी घटनाएँ होती हैं, लेकिन एक बैंक डायरेक्टर (Bank Director)ने सबको चौंका दिया था। इस आदमी ने दूसरे बैंक (Bank) से 21 अरब रुपये का ऋण (Loan) इस धारणा पर लिया कि वह एक एयरपोर्ट (Airport) बना रहा है, और यह उसे प्राप्त भी हो गया।
आम व्यक्ति के लिए एक ऋण लेना कठिनाईयों से भरपूर होता है। जब किसी के पास अधिक पैसे नहीं होते, तो वह अपने आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बैंक से ऋण लेता है। बैंक अधिकारियों द्वारा सभी विवरणों की जाँच करने के बाद, ऋण देने से पहले ऋण चाहने वाले के पृष्ठभूमि की जाँच करता है। इसके बाद, व्यक्ति इंट्रेस्ट देने के लिए सहमत होता है। हालांकि, ऋण लेने की प्रक्रिया कई चरणों से गुजरती है। बैंक इस बात की निश्चिती करता है कि कोई धोखाधड़ी नहीं हो रही है? क्या कोई व्यक्ति पैसे लेकर फरार नहीं हो जाएगा?
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1 लाख के ऋण के लिए भी लोगों को कई विवरण बैंक के साथ साझा करनी पड़ती हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा धोखाधड़ बेहद आसानी से कर लिया। इस व्यक्ति ने बैंक से 21 अरब रुपये के ऋण पर उठाया। इस ऋण को प्राप्त करने के पीछे वजह जो व्यक्ति ने बैंक को बताई वो और भी चौंकाने वाली है। दरअसल, इस व्यक्ति ने बैंक को बताया कि वह एक एयरपोर्ट बना रहा है। हाँ, एयरपोर्ट बनाने के नाम पर व्यक्ति ने बैंक से इतनी बड़ी रकम के ऋण को प्राप्त किया था। लेकिन न तो कोई एयरपोर्ट बन रहा था और न ही उसका निर्माण करने का कोई इरादा था। यह तो एक प्रकार का धोखाधड़ कार्य था।
बैंक में काम करता था फ्रॉड इमानुएल नवुड नाम का यह व्यक्ति पहले नाइजीरिया के यूनियन बैंक में डायरेक्टर था। लेकिन उसने अपने बैंक के अनुभव से फ्रॉड करने का फैसला किया। उसने ब्राजील के एक बैंक डायरेक्टर नेलसन सकागुची को कॉल कर एयरपोर्ट बनाने के नाम पर 21 अरब रुपये के ऋण को ले लिया। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि ब्राजील के बैंक ने बिना किसी जाँच के सिर्फ एक ही कॉल पर इतनी बड़ी रकम को स्वीकार कर लिया।
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किसी ने नहीं किया चेक इमानुएल नवुड ने बैंक से इतने पैसे के ऋण पर लिए, लेकिन किसी बैंक के अधिकारी ने जाकर एयरपोर्ट बनने की जानकारी नहीं दी। 1997 में, जब बैंक अपने खातों की जांच कर रहा था, तो उसे कुछ गंभीर संकेत मिले। जैसे ही इसकी जाँच हुई, वह बैंक के चौंक गए। इस मामले को कोर्ट में लेकर बैंक ने केस दर्ज किया, जिसमें इमानुएल नवुड पर फ्रॉड का आरोप लगाया गया। जाँच के बाद, उसे दोषी करार दिया गया। इसके बाद उसे 25 साल की सजा सुनाई गई। हालांकि, 2006 में उसे रिहा कर दिया गया। तब से इस तरह के फ्रॉड कार्यों को "419 स्कैम" के नाम से जाना जाता है। इमानुएल नवुड द्वारा किये गए फ्रॉड को दुनिया के सबसे बड़े धोखाधड़ में गिना जाता है।