अपनी पत्नी को ख़ुद ही मारकर 17 साल तक मांगता रहा इंसाफ, ऐसे खुली पोल

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अपनी पत्नी को ख़ुद ही मारकर 17 साल तक मांगता रहा इंसाफ, ऐसे खुली पोल

हरियाणा खबर


Haryana Khabar (Pallavi): कहा जाता हैं की कानून के हाथ बड़े लंबे होते हैं की कोई भी अपराधी अपराध करके इससे बच नहीं सकता। यहां भी कुछ ऐसा ही वाकिया सामने आया हैं जहां एक व्यक्ति ने अपनी ही पत्नी को मार कर उसके हत्यारों को सजा दिलाने के लिए कोर्ट से न्याय मांगता रहा। क़रीब 17 साल बाद पता चला की हत्यारा कोई और नहीं खुद वह व्यक्ति है जो कोर्ट में न्याय की गुहार लगाता हैं। 

दरअसल यह व्यक्ति अपनी पत्नी के चले जाने से काफ़ी दुःखी था और अपनी पत्नी के लिए इंसान की गुहार लगा रहा था। कोर्ट और पुलिस थाने के चक्कर लगाता ये व्यक्ति अपनी पत्नी के कातिलों को सज़ा दिलवाने की मांग कर रहा था। आस पास के लोग, पड़ोसी रिश्तेदार उसे सहानुभुति देते की उसे एक दिन अवश्य ही न्याय मिलेगा। समय बीतता गया 2,4,6 साल बीत गये और इस घटना को हुए 17 साल हो गये लेकिन हत्यारे के बारे में भनक तक न लगी।

पत्नी की मौत से परेशान युवक भी न्याय की गुहार लगाकर थक चुका था। उसकी उम्मीद टूट चुकी थी की कभी उसकी पत्नी के कातिलो को वो सलाखों के पीछे देख पाएगा भीं या नहीं। लेकिन ज़रा रुकिए यहां कहानी ने कुछ अलग ही तरफ़ रुख मोड़ लिया हैं। केरल के पठानामट्ठिता जिले पुलदा गांव में 50 वर्षीय रमा देवी अपने पति जनार्दन नायर के साथ रहा करती थीं। दोनों ही शिक्षित थे। एक दिन जब रमा देवी घर पर अकेली थी तो अचानक उनके घर में अंजान व्यक्ति आ गया और रमा देवी को मार दिया। जनार्दन ने पुलिस में रिपोर्ट लिखवाकर जांच करने की अपील की। 

इस घटना का शक गांव में रहने वाले एक मज़दूर पर किया गया चूंकि वह मज़दूर रमा देवी की मौत के बाद गांव से भाग गया था।  तो पुलिस का शक और मज़बूत हो गया । मज़दूर बिहार का रहने वाला था तलाश करने के बाद भी मजदूर का कोई पता न लगा। जनार्दन नायर डाक विभाग से रिटायर हो चुका था और अपने इलाके के इज्जतदार लोगों में उसकी गिनती होती थी । अपनी पत्नी को न्याय दिलाने के लिए उसने वहां कई आंदोलन भी किए लेकिन कुछ हाथ न लगा। जब बात शांत पड़ने लगीं तो केस भी धीरे धीरे रद्दी में जाने लगा लेकिन जनार्दन नायर को ये मंजूर न था। वर्ष 2007 में जनार्दन ने अपनी पत्नी की मौत की जांच दुबारा करने की अपील की और कहा की वो एक टीम बनाकर हत्यारे को पकड़े तथा उनकी पत्नी को न्याय दिलाए।

इतना सब करने के बाद भी निराशा के अलावा कुछ हाथ न लगा, लेकिन अब 17 साल बाद इस केस में कुछ ऐसा सामने आया की अब चौंक गए। रमा देवी के हत्या के वक्त हत्यारे के बाल रमा देवी के हाथ में आ गए थे। जिससे इस बात की पुष्टि हुईं की अपनी पत्नी के कातिलों को सज़ा दिलवाने की गुहार लगाता पति ही असली कातिल है ।दरअसल जनार्दन नायर ही रमा देवी के घर पर अकेले होने के वक्त घर में चुपचाप आया और अपनी पत्नी को बेरहमी से मार डाला। 

पुलिस ने पहले जांच में पाया की उसी मज़दूर ने हत्या की और फरार हो गया तो ठीक से जांच करने पर उन्हें कोई सबूत हासिल न हुआ। रमा देवी की मौत के समय उस मज़दूर को उनके घर के पास देखा गया जिससे ये बात साबित हुईं की उस मज़दूर ने ही खून किया और फरार हो गया। इसी बात का फ़ायदा उठाकर जनार्दन ने सोचा की अगर वो खुद कोर्ट में जाकर न्याय मांगेगा तो कोई उस पर शक नहीं करेगा और सारा इल्जाम उस मज़दूर पर आ जाएगा। लेकिन अब जब फिर इस केस को रिओपन किया गया तो पुलिस ने फॉरेंसिक रिपोर्ट चेक की और क्राइम सीन को रीक्रिएट किया। जनार्दन द्वारा दिया गया बयान उन पर ही शक पैदा कराने लगा। रमा देवी के हाथों से मिले बालों की जांच के दौरान जब उन्हें जनार्दन के बालों से मिलाया तो रिपोर्ट मैच हो गई और सच का खुलासा हुआ और जनार्दन नायर को गिरफ्तार कर लिया गया।।

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