जयभगवान हत्याकांड के बाद सोशल मीडिया पर वायरल हो रही भयंकर पोस्ट, पुलिस जाँच में जुटी
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Haryana Crime News : करनाल में झंझाड़ी के व्यापारी की हत्या के बाद सोशल साइट पर पोस्ट वायरल किया गया है। यह पोस्ट सागर चौधरी के सोशल मीडिया एकाउंट से डाला गया है। इसमें गोगी गैंग की ओर से जयभगवान के हत्या की जिम्मेदारी ली गई है।
सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट में सागर चौधरी की ओर से लिखा गया है कि राम-राम सभी को। आज जो करनाल के झंझाड़ी गांव में मर्डर हुआ है। वो मैंने सागर चौधरी अंजनथली गोगी गैंग दिल्ली ने कराया है। ये हमको बताने की जरूरत नहीं है कि क्यों कराया है। सबको पता है कि शुरुआत किसने की थी और हमारे साथ क्या हुआ था। हमारे किसी भी इंसान को जितना भी नुकसान है, उस सबका हिसाब करेंगे। चाहे कोई देश से बाहर हो या फिर अंदर।
ये मत सोचो कि बाकी बच जाओगे। कोई भी कही भी, जहां मिला वहीं टिकट काट देंगे। शुरुआत तुमने की थी और अब खत्म हम करेंगे...। इस पोस्ट के बाद पुलिस ने शहर में सतर्कता बढ़ा दी है। पुलिस गैंग के सदस्यों की धरपकड़ के लिए पांच टीमें गठित की गई है, ताकि गैंगवार में होने वाले खूनखराबे को रोका जा सके। उधर हत्याकांड के बाद दूसरे गैंग के लोगाें में रोष दिखाई दे रहा है।
पुलिस की प्राथमिक जांच में सामने आ रहा है कि एक तरफ दिल्ली का गोगी गैंग तो दूसरी तरफ दादूपुर का कृष्ण गैंग आमने-सामने है। बताते हैं कि झंझाड़ी में मारे गए जयभगवान के बेटे गोल्डी उर्फ कपूर का नाता मोस्ट वांटेड कृष्ण दादूपुर गैंग से है। पुलिस की जांच में सामने आ रहा है कि उसने नरेश के साले दादूपुर खुर्द निवासी विकास उर्फ पिंटू की रैकी कर बदमाश कृष्ण दादूपुर को सूचना दी थी।
इसके बाद बदमाशों ने उसके साले की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी। इस मामले में पुलिस ने गोल्डी को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। बाद में वह जमानत पर बाहर आ गया। तब से ही नरेश बदला लेने की योजना बना रहा था। इन दिनों नरेश के विदेश में होने की भी बात सामने आ रही है। नरेश अपने शूटरों से पहले भी गोल्डी और उसके पिता जयभगवान तथा चाचा धर्मबीर पर गोलियां चलवा चुका है।
अंजनथली निवासी नरेश शराब कारोबारी है। करीब सात साल पहले नरेश शराब ठेकेदार नलीपार निवासी दिलबाग की हत्या के आरोप में नौ महीने जेल में रह चुका है। दिलबाग का नाता कृष्ण दादुपुर से था। यही कारण है कि कृष्ण दादुपुर दिलबाग का बदला नरेश से लेना चाहता था। उस समय नरेश का दिलबाग के परिजनों के साथ समझौता हो चुका था।
उसके बाद 2013 में बदमाश कृष्ण दादुपुर ने अपने साथियों के साथ मिलकर नरेश पर जानलेवा हमला किया था। इस दौरान नरेश हमले में दिव्यांग हो गया था। उसके हाथ की अंगुली कट गई। फिर तीन साल बाद 2016 में नरेश पर बदमाश कृष्ण ने गोली चला दी थी। उस दौरान भी नरेश बच गया। इसके बाद नरेश की ओर से पुलिस प्रशासन से सुरक्षा की मांग की गई थी, जिसके बाद उसे दो गनमैन दिए गए थे।
वर्ष 2019 में जब पिंटू हत्याकांड हुआ था। उसके बाद जयभगवान, धर्मबीर और उसके बेटे गोल्डी उर्फ कपूर की सिक्योरिटी पुलिस ने बढ़ा दी थी। करीब सात सिक्योरिटी गार्ड तैनात कर दिए गए थे, मगर बाद में पुलिस ने सिक्योरिटी कम कर दी। वर्तमान में महज दो सिक्योरिटी गार्ड ही बचे हैं, जो गोल्डी के साथ रहते हैं।
जयभगवान के परिवार को अनहोनी का खतरा था। ऐसे में पुलिस की सुरक्षा के साथ करीब दो साल पहले सरकारी लाइसेंसी असलहे के लिए भी पीड़ित परिवार की ओर से आवेदन कर मांग की गई थी, मगर असलहा लाइसेंस की फाइल अभी तक मंजूर नहीं हो सकी।
गैंगवार की बात सामने आ रही है, जिसकी जांच की जा रही है। जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। आरोपियों की धरपकड़ के लिए पांच टीमें गठित कर दी गई हैं।