भारत के इस गांव को कहा जाता है " रसोइयों का गांव" क्या आपने सुना है कभी यह नाम

Sports News Without Access, Favor, Or Discretion!

  1. Home
  2. Trending News

भारत के इस गांव को कहा जाता है " रसोइयों का गांव" क्या आपने सुना है कभी यह नाम

भारत के इस गांव को कहा जाता है " रसोइयों का गांव" क्या आपने सुना है कभी यह नाम


आपने सुना होगा कि भारत में अनेकों रीति रिवाज मान्यताएं परंपराएं हैं इन सब संस्कृति के जोड़ को मिलाकर भारत बनता है जो अन्य देशों से बिल्कुल अलग है इसके अलावा भारत में 28 राज्यों और आठ केंद्र शासित प्रदेशों में भी अलग-अलग तरह की विशेषताएं शामिल है जो भारत को विश्व पटल पर अलग पहचान दिलाने में मदद करती है इन सभी चीजों में सबसे प्रमुखता अगर किसी चीज की है तो वह है भारतीय खाना जिसका स्वाद विश्व प्रसिद्ध भी है भारत के अलग-अलग गांव में से एक गांव ऐसा है जो अपने स्वादिष्ट व्यंजनों के लिए बहुत प्रसिद्ध है हम आपको बता दें कि इस गांव को रसोइयों का गांव भी कहा जाता है।


उदाहरण के तौर पर बात की जाए तो एक ऐसा गांव जहां पर वर्षा करने के लिए मेंढकों की शादी की जाती है वही एक गांव ऐसा भी है जिसे रसोइयों का गांव कहा जाता है यह कहना गलत नहीं होगा कि इस गांव में इतना लजीज और स्वादिष्ट खाना मिलता है कि लोगों ने इस गांव का नाम ही रसोइयों का गांव डाल दिया है


बता दे भारत में यदि आप दक्षिण भारत की सैर करेंगे तो आपको तमिलनाडु राज्य में कलायुर गांव में प्रवेश करते ही मनमोहक मसाले की खुशबू आपको अपनी और आकर्षित करेगी यहां पर बड़े-बड़े बर्तनों में देसी घी में लगाई गई चौक की खुशबू से ही आपके मुंह में पानी आ जाएगा साथ ही विशेष खाने के लिए तैयार की जा रही तरी भी हर किसी की जुबान को भा जाती है। 

इस गांव की एक और खासियत यह भी है कि यहां पर खाना महिलाएं नहीं बल्कि पुरुष बनाते हैं पुरुषों द्वारा बनाए गए इस खान की मांग इतनी अधिक है कि कई दिनों से पहले ही ऑर्डर मिलना शुरू हो जाता है इस वजह से इस गांव को रसोइयों का गांव कहा जाता है

कब शुरू हुई प्रथा

इस गांव में पुरुषों द्वारा खाना बनाने की प्रथम तकरीबन 500 साल पुरानी है यहां ऐसा कहा जाता है कि व्यापारियों की रेड्डीयार जाति ने स्थानीय स्तर की बनियर जाति को खाना बनाने का काम दिया था इसकी प्रमुख यह वजह थी कि उसे समय लोग खेती में अधिक कुशल नहीं थे और उन्हें अन्य कोई भी काम नहीं आता था इस वजह से उनका खाना बनाने में दिलचस्पी थी और वह अच्छा खाना बनाते थे तब से यह प्रथा यहां पर चली आ रही है

वर्तमान समय की बात करें तो पुरुषों की है टीम अब शादी पार्टियों के आर्डर लेती है खास बात यह है कि यहां के पुरुष 1000 लोगों का खाना सिर्फ 3 घंटे में तैयार कर सकते हैं हालांकि इस गांव आज भी घर में खाना बनाने की जिम्मेदारी महिलाओं की है पर पुरुष घर जाकर महिलाओं के हाथ का बना खाना जरूर कहते हैं

AROUND THE WEB

Bollywood

Featured