हरम के अंदर खुलेआम होता था 'छल-प्रपंच', खौफ में गुजरती थी इन रानियों की जिंदगी

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हरम के अंदर खुलेआम होता था 'छल-प्रपंच', खौफ में गुजरती थी इन रानियों की जिंदगी

हम में से ज्यादातर लोगों ने स्कूली पढ़ाई के दौरान मुगलों का इतिहास पढ़ा होगा. इसी मुगल इतिहास में हरम के किस्से भी आते हैं जिनके बारे में काफी कम लोग जानते हैं. मुगल हरम बादशाह के लिए अय्याशी का अड्डा हुआ करता था. यहां राजा के आराम और सुख-सुविधाओं का पूरा ख्याल रखा जाता था लेकिन सारी सुख-सुविधाएं होने के बाद भी कई रानियों के लिए यह हरम शाप था.   अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की एक स्टडी में इस बात का पता चलता है कि मुगल हरम में मौजूद औरतों के बीच छल-प्रपंच का खुला खेल चलता था. अगर कोई दासी राजा को ज्यादा पसंद आने लगती थी तो उसे रानियों द्वारा छल से मरवा दिया जाता था. इसके अलावा अगर कोई रानी गर्भवती होती थी, तब बाकी रानियां उससे घृणा करने लगती थी क्योंकि गर्भवती रानी बादशाह की सबसे प्रिय होती थी और उस पर वह खूब प्यार लुटाता था. बादशाह से दूर करने के लिए बाकी रानियां गर्भवती रानी को छल से जहर देकर मार देती थीं. अगर कोई रानी बच्चे को जन्म देती थी तो वह बादशाह की फेवरेट हो जाती थी.  Powered By VDO.AI  Play Unmute  Fullscreen 'अकबरनामा' लिखने वाले अबुल फजल की मानें तो अकबर के शासन काल में हरम का विस्तार काफी ज्यादा था. कहा जाता है कि अकबर के हरम में करीब 5000 औरतें मौजूद थीं जो राजा को खुश रखने का काम करते थीं. इतिहासकार बेनी प्रसाद की मानें तो औरंगजेब के हरम में औरतों की संख्या बाकी बादशाहों की अपेक्षा काफी कम थी. क्रूरता के लिए मशहूर औरंगजेब काफी धार्मिक था. यही कारण दिया जाता है कि औरंगजेब के हरम में औरतों की कमी थी.   आपको बता दें कि हरम की सुरक्षा में किन्नरों को तैनात किया जाता था और इन्हें हिंदुस्तानी जुबान नहीं आती थी. बादशाह के अलावा किसी दूसरे की एंट्री हरम में पूरी तरह से बैन होती थी. वहीं किसी अन्य पुरुष के अंदर जानें पर उन्हें तुरंत मौत के घाट उतार दिया जाता था. कई बड़ी जिम्मेदारियों में हरम की महिलाएं बादशाह को सलाह देने का काम करती थीं.


Haryana khabar : हम में से ज्यादातर लोगों ने स्कूली पढ़ाई के दौरान मुगलों का इतिहास पढ़ा होगा. इसी मुगल इतिहास में हरम के किस्से भी आते हैं जिनके बारे में काफी कम लोग जानते हैं. मुगल हरम बादशाह के लिए अय्याशी का अड्डा हुआ करता था. यहां राजा के आराम और सुख-सुविधाओं का पूरा ख्याल रखा जाता था लेकिन सारी सुख-सुविधाएं होने के बाद भी कई रानियों के लिए यह हरम शाप था.

 

 

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की एक स्टडी में इस बात का पता चलता है कि मुगल हरम में मौजूद औरतों के बीच छल-प्रपंच का खुला खेल चलता था. अगर कोई दासी राजा को ज्यादा पसंद आने लगती थी तो उसे रानियों द्वारा छल से मरवा दिया जाता था. इसके अलावा अगर कोई रानी गर्भवती होती थी, तब बाकी रानियां उससे घृणा करने लगती थी क्योंकि गर्भवती रानी बादशाह की सबसे प्रिय होती थी और उस पर वह खूब प्यार लुटाता था. बादशाह से दूर करने के लिए बाकी रानियां गर्भवती रानी को छल से जहर देकर मार देती थीं. अगर कोई रानी बच्चे को जन्म देती थी तो वह बादशाह की फेवरेट हो जाती थी.

 

 

 

'अकबरनामा' लिखने वाले अबुल फजल की मानें तो अकबर के शासन काल में हरम का विस्तार काफी ज्यादा था. कहा जाता है कि अकबर के हरम में करीब 5000 औरतें मौजूद थीं जो राजा को खुश रखने का काम करते थीं. इतिहासकार बेनी प्रसाद की मानें तो औरंगजेब के हरम में औरतों की संख्या बाकी बादशाहों की अपेक्षा काफी कम थी. क्रूरता के लिए मशहूर औरंगजेब काफी धार्मिक था. यही कारण दिया जाता है कि औरंगजेब के हरम में औरतों की कमी थी. 

 

आपको बता दें कि हरम की सुरक्षा में किन्नरों को तैनात किया जाता था और इन्हें हिंदुस्तानी जुबान नहीं आती थी. बादशाह के अलावा किसी दूसरे की एंट्री हरम में पूरी तरह से बैन होती थी. वहीं किसी अन्य पुरुष के अंदर जानें पर उन्हें तुरंत मौत के घाट उतार दिया जाता था. कई बड़ी जिम्मेदारियों में हरम की महिलाएं बादशाह को सलाह देने का काम करती थीं.

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