हरियाणा के इस शहर से जुड़ा है 1857 की क्रांति का इतिहास, खबर खोलेगी इतिहास के पन्ने
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Haryana Khabar : 1857 में दिल्ली में अंग्रेजों के अधिकार होने के बाद, देशभर में क्रांतिकारियों के बीच विद्रोही आंदोलन का बहुतायती प्रमाण देखने को मिला। इस समय रोहतक, हरियाणा में भी अंग्रेज शासन के खिलाफ विद्रोही आंदोलन की ज्यों की अहम घटनाएं घटीं।
सितंबर 1857 में, जनरल वान कोटलैंड रोहतक पहुंचे, और उन्होंने विद्रोह में शामिल लोगों को फांसी पर लटका दिया। रोहतक में लंबे समय तक क्रांतिकारियों को परास्त करने की कोशिशें की गई थीं, जिनमें अंग्रेजों ने कई उपायों का सहारा लिया।
रोहतक में विद्रोहियों का साहस था, जिन्होंने लंबे समय तक ब्रिटिश साम्राज्य से संघर्ष किया। अंग्रेज सरकार ने विद्रोह का प्रतिरोध करने के लिए विभिन्न तरीकों का सहारा लिया, जिनमें बारूद की फैक्टरी को उड़ा दिया गया और ग्रामीणों की जमीनें जब्त की गईं।
विद्रोहियों ने अपने संघर्ष के बावजूद अंग्रेजों के प्रति अपने स्वतंत्रता प्रेम को बरकरार रखा। खापों और पंचायतों ने भी संघर्ष में भाग लिया और प्रशासन को अपने अधिकार की रक्षा करने के लिए सेना बनाई।
अंग्रेज सरकार ने विद्रोह के खिलाफ बड़े हमले की कोशिश की, लेकिन विद्रोहियों ने उनके प्रति आत्मघाती साहस दिखाया। इसके बावजूद, ब्रिटिश सरकार की फोर्सेस को अंत में विद्रोहियों ने परास्त कर दिया और अपनी स्वतंत्रता की लड़ाई जारी रखी।
यह घटनाक्रम दिखाता है कि रोहतक में विद्रोहियों ने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ अपने साहस और समर्पण का प्रदर्शन किया, जिससे वे अपने स्वतंत्रता संग्राम को मजबूती से आगे बढ़ा सके।