युवाओं में तनाव और हुक्का का शौक बढ़ रहा, दिल से संबंधित बढ़ रही बीमारियां, जाने इसके लक्षण
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Haryana News : विश्व हृदय दिवस को मनाने का मकसद दुनियाभर में लोगों को हृदय रोगों के प्रति जागरूक करना है परंतु बढ़ रहे तनाव के कारण अब अधिक संख्या में युवा हृदय संबंधित बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। इसके साथ हुक्के का प्रयोग भी इसका कारण चिकित्सकों ने बताया।
डॉक्टरों के मुताबिक, इस समय अब 30 से 40 आयु के युवाओं में दिल से संबंधित बीमारियां बढ़ी है। दरअसल, खराब लाइफस्टाइल, तनाव और खान-पान पर ध्यान न देने के कारण युवा आ रहे हृदय घात की चपेट में आ रहे हैं। इस समय युवाओं में हुक्के का प्रचलन भी बढ़ रहा है। दिल से संबंधित बीमारियां शुरुआती लक्षणों को अनदेखा करने के कारण भी हो रही है। चिकित्सक का कहना है कि थोड़ी सी जागरूकता हमारी जिंदगी को खतरे में जाने से रोक सकती है।
वहीं, इस समय सरकारी अस्पताल में एक भी हृदय रोग विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं है। पूरे जिले में महज सिग्नस अस्पताल में केवल एक मात्र हृदय रोग विशेषज्ञ है। वहीं, सरकारी अस्पताल में चिकित्सक न होने के चलते कई लोगों को रोहतक और चंडीगढ़ इलाज करवाने के लिए जाना पड़ता है। सिग्नस अस्पताल में हृदय रोगों की जांच के लिए प्रतिदिन 50 से अधिक लोगों की ओपीडी हो रही है। इसमें से 20 ऐसे मरीज अपना इलाज करवाने के लिए पहुंच रहे हैं। जिनकी आयु 25 से 40 आयु है।
इस समय हुक्के के अधिक प्रचलन है। इसके साथ ही अधिक धूम्रपान करने से हृदय से संबंधित बीमारियां बढ़ने लगी है। कोरोना के बाद लोगों में खून गाड़ा होने व प्रतिरोधक शक्ति कमजोर होने की वजह से नाड़ियां बंद होने की संभावानाएं बढ़ी हैं। ओपीडी में आने वाले मरीजों में 15 प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज की गई है। गांवों के बजाय शहर वाले लोगों में तनाव ज्यादा दिखता है। इसके साथ ही गलत खानपान ने दिल की बीमारियां बढ़ा दी हैं। -डॉ. जितेंद्र चौधरी, कॉर्डियोलॉजिस्ट, सिग्नस अस्पताल।
ये हैं मुख्य लक्षण
- कम उम्र में धूम्रपान की आदत।
- बढ़ा हुआ बाडी फेट।
- मधुमेह और उच्च रक्तचाप होना।
- खान-पान पर ध्यान न देना।
- ज्यादा तनाव लेना।
- फास्टफूड का सेवन अधिक करना।
- हृदय रोग से ऐसे करें बचाव
- पौष्टिक आहार के साथ स्वस्थ दिनचर्या पर ध्यान देकर हृदय रोग के खतरे को कम किया जा सकता है।
- हृदय रोग के लक्षण दिखने पर तुरंत डाक्टरी सलाह लें। किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतें।
- नियमित रूप से योग और व्यायाम करें। इससे दिमाग भी शांत रहता है।
- सबसे जरूरी है जागरूकता। यदि आप हृदय से संबंधित रोगों के प्रति जागरूक रहेंगे तो इसका खतरा टल सकता है।
- समय-समय पर अपना मेडिकल जांच करवाएं।
- खाने में नमक की मात्रा कम करें।