हरियाणा की हवा में घुलता जहर, प्रदूषित वायु में इंसानों की सांस रही अटक
इन दिनों हरियाणा में वायु प्रदूषण का बढ़ता स्तर चिंतनीय विषय बना हुआ है। दीपों के त्योहार दीपावली को भी लगभग अब एक महीना ही शेष रह गया है। ऐसे में दीपावली के दिन जलाए जाने वाले पटाखे और इससे निकलने वाला धुआं वायु प्रदूषण के लिए बेहद खतरनाक साबित होता है क्योंकि केमिकल के
इन दिनों हरियाणा में वायु प्रदूषण का बढ़ता स्तर चिंतनीय विषय बना हुआ है। दीपों के त्योहार दीपावली को भी लगभग अब एक महीना ही शेष रह गया है। ऐसे में दीपावली के दिन जलाए जाने वाले पटाखे और इससे निकलने वाला धुआं वायु प्रदूषण के लिए बेहद खतरनाक साबित होता है क्योंकि केमिकल के धुएं के कारण लोगों को अलग-अलग सांस संबंधी बीमारियां भी हो जाती हैं।
जानकारी के मुताबिक, फरवरी माह के बाद मंगलवार को प्रदेश की हवा इस सीजन में सबसे ज्यादा प्रदूषित रही। वहीं पानीपत में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 355 के रिकॉर्ड (रात आठ बजे) स्तर पर पहुंच गया है। अभी तक प्रदेश के दस शहरों का एक्यूआई 300 या इससे अधिक रहा, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी का माना जाता है।
20 शहरों का एक्यूआई 200 या इससे अधिक दर्ज किया गया। स्वास्थ्य विभाग की माने तो प्रदेश की हवा खतरनाक हो गई है। स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि अगर समय रहते उक्त विषय पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए तो इस पर नियंत्रण पाना मुश्किल हो जाएगा। अभी भी कुछ खेतों में पराली जलाई जा रही है। कई इलाकों में मलबा व कूड़ा डाला जा रहा है जो प्रदूषण को बढ़ाने का काम ही कर रहा है।
एक्यूआई स्थिति स्वास्थ्य पर असर
0-50 अच्छा न्यूनतम प्रभाव
51-100 संतोषजनक संवेदनशील लोगों को सांस लेने में तकलीफ
101-200 मध्यम फेफड़े, अस्थमा और हृदय रोगियों को बेचैनी
201-300 खराब ज्यादातर लोगों को सांस लेने में तकलीफ
301-400 बहुत खराब लंबे समय तक रहने पर सांस की बीमारी
401-500 खतरनाक स्वस्थ लोगों पर असर, रोगियों पर ज्यादा असर
पराली जलाने के मामले में 11 किसान पर कसी गई नकेल
कृषि विभाग द्वारा पुलिस विभाग को सूचना देने के बाद पराली जलाने के मामले में विभाग ने कार्यवाही करते हुए 11 किसानों पर मामले दर्ज किए हैं। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक यह सभी किसान टोहाना निवासी हैं। इसके अलावा उक्त जिले में अभी तक कुल 33 किसानों पर पराली जलाने के कारण मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। इतना ही नहीं पराली जलाने की 90 घटनाएं अभी तक घटित हो चुकी हैं। वही हरियाणा के हिसार में अब तक 20 स्थानों पर पराली को जलाया जा चुका है तो 17 लोगों के चालान भी काटे जा चुके हैं।
प्रमुख शहरों का एक्यूआई (मंगलवार रात आठ बजे तक)
शहर एक्यूआई
पानीपत – 355
चरखी दादरी – 334
गुरुग्राम – 335
फरीदाबाद – 313
धारुहेड़ा – 311
जींद – 310
हिसार – 299