एक ऐसा गांव जहा नही की जाती भगवान हनुमान जी की पूजा, नाम सुनते ही लोग हो जाते आग बबूला
![hk](https://haryanakhabar.com/static/c1e/client/101420/uploaded/bd2832cd60c93f7c38926795b6d6b2bb.jpeg)
Haryana khabar: भारत के साथ पूरे विश्व में हनुमान जी को संकट मोचन के नाम से जाना जाता है । उनकी आराधना करने सारे कष्ट खत्म हो जाते है। भारत में जहा राम नाम लिया जाता है वही भगवान हनुमान जी ने नाम के भी जयकारे लगाए जाते है । लेकिन क्या आप जानते है कि उत्तराखंड की भूमि पर एक ऐसा गांव है जहां पर हनुमान जी की पूजा करना बहुत बड़ा अपराध है।
सुनने में ये बात बहुत अजीब लगेगी लेकिन ये बाद बिल्कुल सच है । इस गांव में हनुमान जी का एक भी मंदिर नही है । कहा जाता है यह के लोग बजरंग बली से बहुत नाराज है ।उत्तराखंड के चमोली जिले की नीति घाटी में द्रोणागिरी गांव है, जहां भोटिया जनजाति के करीब 100 परिवार रहते हैं.
समुद्र तल से करीब 12 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित यह वहीं गांव है, जहां हनुमान मूर्छित पड़े लक्ष्मण की जान बचाने के लिए संजीवनी लेने आए थे और संजीवनी न पहचानने के कारण पूरा पर्वत ही उखाड़ कर ले गए थे. यही इस गांव वालों के गुस्से की वजह भी है.
यहां रहने वाले लोग बताते है की द्रोणागिरी पर्वत उनके भगवान है हनुमान जी जब संजीवनी बूटी लेने आए तो उन्होंने पहाड़ देवता से ना तो अनुमति ली और ना ही उनकी साधना पूरी होने तक का इंतजार किया हनुमान जी ने पहाड़ देवता की एक भुजा भी काट दी द्रोणागिरी मैं यह आज भी मानता है कि पहाड़ देवता की दाईं भुजा से आज भी रक्त बहता है
इसलिए यहां के लोग बजरंगबली से नाराज है और उनकी आराधना नहीं करते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार कई पुरानी ऐसी कथाएं हैं जिनका विवरण किया गया है जिसमें कहा जाता है कि संजीवनी बूटी शबरी के झूठे बेरो की गुठलियों से बनाई गई थी