4 दोस्तों ने मिलकर किया दिल छू लेने वाला काम, घेवर बनाकर किए गौ सेवा में 27 लाख दान
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Haryana khabar : हिंदू धर्म में गाय को माता कहा गया है, लेकिन आज गौमाता सड़कों चौराहों पर भटकती हैं. लोग गाय का दूध पीने के बाद जब वह दूध देना बंद कर देती हैं, तो छोड़ देते हैं. वहीं, आज भी कुछ लोग गाय को माता मानकर उसकी सेवा में लगे रहते हैं. ऐसा ही कुछ कर रहे हैं,
सोनीपत के चार दोस्त. गांव तिहाड़ मलिक के रहने वाले चार दोस्तों ने कोरोना काल में ठाना की अब हम लोगों की सेहत से होने वाले खिलवाड़ नहीं होने देंगे, जिसके चलते उन्होंने सावन माह में खुद से ही घेवर बनाना शुरू कर दिया. यहीं नहीं, फिर गौ सेवा करने की ठानी तो घेवर बेच कर हो रहे मुनाफे को गोवंश की सेवा में दान कर रहे हैं. इस साल युवाओं ने मुनाफे के 27 लाख रुपये गोवंश की सेवा के लिए दान किए हैं. इसके लिए युवाओं की चारों तरफ तारीफ की जा रही है.
इस मित्र मंडली टीम के सदस्य तीरथ ने बताया कि कोरोना काल के दौरान तिहाड़ मलिक के चार युवाओं ने एक टीम बनाई थी, ताकि लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ ना हो और उन्हें शुद्ध मिठाइयां मिल सकें. इसके बाद उन्होंने सावन माह में शुद्ध देसी घी से घेवर बनाना शुरू किया. इसके बाद खर्च के बाद मुनाफे की राशि को गो सेवा में दान करने की ठानी और इस साल इसी मित्र मंडली के ने घेवर के मुनाफे से कमाए हुए 27 लाख रुपये दान किए हैं. इनमें गांव तिहाड़ मलिक की गौशाला में 18 लाख 21 हजार रुपये और अन्य 7 गौशालाओं में 9 लाख रुपये दान किए हैं. इस टीम का कहना है कि हर साल वह इस मुनाफा राशि को बढ़ाकर गोवंश की सेवा करना चाहते हैं.