हरियाणा के इस जिले मे गौशाला में खुला चिड़ियाघर, लोगों के लिए बना आकर्षण का कारण

Sports News Without Access, Favor, Or Discretion!

  1. Home
  2. Haryana

हरियाणा के इस जिले मे गौशाला में खुला चिड़ियाघर, लोगों के लिए बना आकर्षण का कारण

हरियाणा के इस जिले मे गौशाला में खुला चिड़ियाघर,  ,लोगों के लिए बना आकर्षण का कारण


हरियाणा के इस जिले मे गौशाला में खुला चिड़ियाघर,  ,लोगों के लिए बना आकर्षण का कारण

Haryana khabar :  गौ सेवा सबसे बड़ी सेवा मानी जाती है. हिंदू धर्म में गाय को बेहद पूजनीय माना जाता है. लोग गाय के दूध को अमृत समान मानते हैं. लेकिन, वक्त के साथ बहुत कुछ बदला है. आज गोवंश सड़कों पर बेसहारा घूम रहे हैं. गोवंश दयनीय हालत में हैं. लेकिन, आज भी ऐसे कुछ लोग हैं जो गायों की सेवा में खुद को समर्पित किए हुए हैं.

गोहाना में गायों की सेवा के लिए गांव ठसका में स्थित श्री नंदलाल गौशाला समिति एक विशाल गौशाला संचालित कर गायों की सेवा कर रही है. गौसेवा की ओर आकर्षित करने के लिए गौशाला के साथ चिड़ियाघर भी बनाया है, जिसे छोटे-बड़े सभी यहां देखने के लिए पहुंच रहे हैं. समिति के सदस्यों का मुख्य उद्देश्य इस गौशाला को मिनी वृंदावन का रूप देने का है.

गाय और बाकी गौवंश के संवर्धन और संरक्षण के लिए युवा पीढ़ी को जागरूक करने और उनकी रुचि इस ओर जगाने के लिए यहां प्रयास किए जाते हैं. इसके लिए श्री नंदलाल गौशाला समिति बेहतरीन काम कर रही है. इस गौशाला में बीमार आवारा पशु-पक्षियों का इलाज कर उनकी सेवा की जा रही है. गौशाला की शुरुआत तीन साल पहले हुई थी और आज इसका प्रदेश की सबसे अच्छी गौशालाओं में नाम है. गौशाला के प्रधान सुमेर जैन ने बताया कि गायों को सड़कों पर घूमते देख और सड़कों पर आवारा घूमने से सड़क हादसे देखकर मन में विचार आया कि गौशाला की शुरुआत की जाए. गौशाला में पहले 400 गाय थी, अब 1200 गाय हैं.


आगे बताया कि यहां गायों की सेवा निस्वार्थ भाव से की जाती है. इन 1200 गायों में 80 से 90 ही गाय दूध देती हैं, जो शहर में सप्लाई किया जाता है. इन गायों के लिए पीने का स्वच्छ पानी और चारे की व्यवस्था पूर्ण रूप के की जा रही है. पहले लोगों की दान, सहायता से एक शेड बनाया गया. उसके बाद आज के समय सात शेड हैं. वहीं बीमार आवारा पीड़ित पशु पक्षियों का इलाज भी किया जाता है.


वहीं समिति के और सदस्यों का कहना है कि आज की युवा पीढ़ी गाय और गौशालाओं से दूर होती जा रही है. युवा होटलों में आसानी से चले जाते हैं, मगर गौशालाओं में इनका रुझान नहीं के बराबर है. बच्चों को गौशालाओं में लाने के लिए गौशाला के अंदर एक मिनी चिड़िया घर बनाया है. जिसमें मोर, बतख, हंस, तोते आदि हैं. इनको देखने के लिए शहर और आस-पास के गांव के बच्चे, बड़े सभी आ रहे हैं और गौशाला भी देख रहे हैं.

AROUND THE WEB

Bollywood

Featured