हरियाणा में अब पराली देगी किसानो को पैसे, इस युवक ने कर दिया कमाल, जानिए क्या है नया आविष्कार
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Haryana khabar : हरियाणा और पंजाब के किसानों के लिए पराली की समस्या हर बार धान की कटाई के बाद उठती है। इसके परिणामस्वरूप वे पराली जलाते हैं, जो प्रदूषण को बढ़ाता है और वातावरण को कष्टप्रद बनाता है। लेकिन एक युवा ने इस समस्या को अवसर में बदल दिया है। हरियाणा के युवक विजय श्योराण ने पराली से बायोकोयल बनाने के लिए एक प्रोजेक्ट तैयार किया है। इसके माध्यम से किसान अब पराली का उपयोग कोयला बनाने में कर सकते हैं। यह परियोजना काफी सफल हुई है और लोगों को रोजगार का अवसर प्रदान कर रही है।
बायोकोयल क्या है? विजय श्योराण ने बताया कि पराली को जलाने से गैस का चेंबर बनता है, जो लोगों को सांस लेने में कठिनाई पैदा करता है। इससे होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए उन्होंने बायोकोयल का विकल्प प्रस्तावित किया है। इसके अलावा, बायोकोयल को काले कोयले की तुलना में कम प्रदूषणकारी माना जाता है और यह सल्फर डाइऑक्साइड कम प्रोड्यूस करता है।
कैसे बनता है बायोकोयल? पराली को बायोकोयल बनाने के लिए गोबर का कंपोस्ट मिलाया जाता है और फिर उसे ब्रीकेटिंग मशीन के द्वारा प्रक्रियागत किया जाता है। इस उपाय से किसानों को रोजगार मिलता है और खेत में बचा हुआ वेस्टेज जलाने की आवश्यकता नहीं पड़ती।
इस परियोजना की भविष्यवाणी बेहद सकारात्मक है और यह एक उदाहरण प्रस्तुत करती है कि किसानों की सोचने और उनके अद्वितीय विचारों के माध्यम से अद्वितीय और लाभकारी योजनाएं तैयार की जा सकती हैं।