हरियाणा के इस जिले मे है लग्‍जरी श्‍मशान घाट , दूर - दूर देखने आते हैं लोग इसकी खूबी

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हरियाणा के इस जिले मे है लग्‍जरी श्‍मशान घाट , दूर - दूर देखने आते हैं लोग इसकी खूबी

हरियाणा के इस जिले मे है लग्‍जरी श्‍मशान घाट ,  दूर - दूर देखने आते हैं लोग इसकी खूबी 


हरियाणा के इस जिले मे है लग्‍जरी श्‍मशान घाट ,  दूर - दूर देखने आते हैं लोग इसकी खूबी 

Haryana khabar : श्मशान घाट के बारे में सोचते ही जेहन में तस्वीर उभरती है, एक ऐसी जगह की जहां हिंदू रीति-रिवाज से शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है. इसके साथ मन में चारों तरफ चिता की राख, लकड़ी, संस्कार सामग्री, सुनसान इलाके की बात उभरती है. आज हम आपको एक ऐसे श्मशान घाट के बारे में बताने जा रहे हैं, जो फाइव स्टार होटल जैसी सुविधाओं से लैस है. शिवपुरी फतेहाबाद कमेटी का दावा है कि यह लग्‍जरी सुविधाओं वाला देश का नंबर वन श्मशान घाट है.

यह श्मशान घाट फतेहाबाद शहर के बीचोंबीच से गुजरने वाले नेशनल हाईवे नंबर-9 के किनारे भगवान श्री परशुराम चौक के पास 5 एकड़ जमीन में बना है, जो कि सर्वजातीय श्मशान घाट है. इस श्मशान घाट ने पिछले 15 वर्षों के विकास की वजह से ऐसा रूप लिया और यह सब जन सहयोग की वजह से हुआ है. यही नहीं, एक बार इस श्मशान के अंदर प्रवेश करने वाला व्यक्ति हैरान रह जाता है. जबकि फतेहाबाद के बाहर से आया व्यक्ति तो यह पूछने को बाध्य हो जाता है कि क्या वास्तव में यह श्मशान है. यह श्मशान 131 वर्ष पहले अस्तित्व में आया था, जिसे आज स्वर्ग धाम फतेहाबाद के नाम से जाना जाता है.

फतेहाबाद के 80 वर्षीय इतिहासकर डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि यह श्मशान घाट 1892 में अस्तित्व में आया था. बिट्रिश काल में रईस सेठ मुसद्दीलाल जोरावर के परिवार ने यहां पर छतरियां बनवाई थीं, जो आज भी हैं. साथ ही बताया कि यहां मड़िया पर इस शिवपुरी का इतिहास लिखा हुआ है. 25 वर्ष पहले इस शिवपुरी की स्थिति ऐसी थी कि 5 एकड़ में फैले इस श्मशान की चारदीवारी तक नहीं थी और हर तरफ सरकंडों के जंगल होते थे. बारिश के दिनों में लोगों को दलदली सड़क से गुजर कर शवों का अंतिम संस्कार करना पड़ता था. जबकि अंतिम संस्कार करने के लिए कंटीली झाड़ियों और सरकंडों को काटकर थोड़ी सी जगह बना ली जाती थी और फिर उसी में पार्थिव देह का अंतिम संस्कार कर दिया जाता था। 

डॉ. राजेंद्र प्रसाद के मुताबिक, 25 साल पहले श्मशान भूमि फतेहाबाद में दो रईस परिवारों के दिग्गजों मेहता चानन दास और घनश्याम दास नारंग ने शिवपुरी फतेहाबाद में संचालन गतिविधियों में भूमिका निभानी शुरू की. इसके बाद इन दोनों ने शहर के धनी परिवारों से जुड़े सामाजिक लोगों श्‍मशान के विकास के लिए सहायता करने के लिए प्रेरित किया. इसके बाद हालात बदलते गए और अब यह लग्‍जरी श्‍मशान घाट बन चुका है. वहीं, श्मशान की जमीन पर कब्जा कर रहे लोगों पर लगाम लगी है। 

बहरहाल, शिवपुरी फतेहाबाद में मुख्य सड़क का निर्माण गुजरात के एक बिजनेसमैन जयंती भाई कांच वाला के आर्थिक सहयोग से हुआ. अंतिम संस्कार स्थल पर 8 के लगभग झोपड़ियों का निर्माण भी करवाया गया. 10 वर्ष पहले लाखों रुपये की लागत से शिवपुरी श्मशान भूमि के अंदर ही एक 700 लोगों की क्षमता वाले शोक सभा हाल का निर्माण हुआ. इसके ऊपर लंगर भवन का निर्माण भी हुआ. आज स्थिति यह है कि इस हॉल में शोक सभा करने के लिए एक ही दिन में दो से तीन मौत हो जाने पर लोगों को यह हॉल उपलब्ध नहीं हो पाता. लोगों की प्राथमिकता रहती है कि उनके मृतक परिजन की शोक सभा श्मशान भूमि में निर्मित श्री घनश्याम दास नारंग मेमोरियल ओम शांति हॉल में ही हो

शिवपुरी के भव्य स्वरूप व हरियाणा में नंबर वन स्थान पर पहुंचने की कहानी सही मायने में 10 वर्ष पहले शुरू हुई. अनाज मंडी फतेहाबाद के प्रतिष्ठित व्यापारी बसंत लाल बजाज शिवपुरी फतेहाबाद के प्रधान बने. जबकि उन्होंने पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय सुनील सचदेवा को शिवपुरी फतेहाबाद में सचिव के तौर पर जोड़ा. बहुत सारे सामाजिक सोच के लोगों को शिवपुरी के विकास के साथ जोड़ने का जो सिलसिला शुरू हुआ वह बसंत लाल बजाज के निधन के बाद सामाजिक दिग्गज कालिदास नागपाल ने भी जारी रखा. उनके निधन के बाद प्रधान बने पंजाबी समाज के दिग्गज भीमसेन आनंद व सचिव सुनील सचदेवा ने एक ऐसी टीम के साथ काम शुरू किया जिसका लक्ष्य श्मशान भूमि फतेहाबाद को एक पूर्णत: विकसित सुंदर,स्वच्छ व सुविधाओं से भरपूर करना था. जबकि पिछले 6 वर्षों के दौरान शिवपुरी श्‍मशान ने विकास की बुलंदियों को छुआ है. यहां मंदिर और वाटिकाएं बनी हुई हैं। 

जबकि हरियाली ने इस श्‍मशान की खूबसूरती में चार चांद लगाए हुए हैं. यही वजह है कि यहां का शिवा पार्क फतेहाबाद, हिसार और सिरसा जिलों का सबसे सर्वोत्तम पर्यावरण सुरक्षित पार्क माना जाता है. लोगों के बैठने के लिए 100 से ज्यादा बेंच लगे हुए हैं, तो जगह-जगह बारिश व धूप से बचने के लिए आधुनिक शैड बनाए गए हैं. इसके अलावा 12 वॉटर कूलर शुद्ध पेयजल लोगों को उपलब्ध कराते हैं. शिवपुरी फतेहाबाद के 4 शौचालय उनकी स्वच्छता व सौंदर्य को देखकर लोग हैरान रह जाते हैं. शिवपुरी सभा के सचिव सुनील सचदेवा ने बताया हैं कि पिछले 10 वर्षों के दौरान शिवपुरी फतेहाबाद का जो विकास हुआ है वह किसी चमत्कार से कम नहीं है. हर साल लाखों रुपये दान में आते हैं. जबकि शिवपुरी संस्था का कोई भी सदस्य दान की रसीद लेकर लोगों से दान मांगने के लिए कभी भी नहीं जाता। 


शिवपुरी सभा के सचिव सुनील सचदेवा के मुताबिक, शिवपुरी की सबसे विशेष बात यह है कि शिवपुरी फतेहाबाद में राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध संत स्वामी परमानंद जी महाराज, स्वामी धर्मदेव जी महाराज, स्वामी दिव्यानंद जी महाराज, संत राज दास जी महाराज, स्वामी ध्यान प्रेमानंद, स्वामी विज्ञान प्रेमानंद, आचार्य चैतन्य सहित एक दर्जन से भी ज्यादा बड़े संत खुद देखने के लिए अपने सैंकड़ों श्रद्धालुओं के साथ आ चुके हैं. जबकि शिवपुरी फतेहाबाद में 22 कर्मचारी काम करते हैं. इनमें से 14 कर्मचारी स्थाई तौर पर शिवपुरी की सुविधाओं की देखरेख और व्यवस्था का ध्‍यान रखते हैं. शिवपुरी फतेहाबाद से फतेहाबाद में तैनात रहे तीन उपायुक्त डॉक्टर नरहरि सिंह बांगड़, धीरेंद्र खटगड़ा, प्रदीप कुमार सहित कई अधिकारी नियमित विकास कार्यों से जुड़े रहे हैं। 

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