किसानों की हुई पराली की टेंशन खत्म, अब खेतों मे इस तरह से बनाई जाएगी खाद

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किसानों की हुई पराली की टेंशन खत्म, अब खेतों मे इस तरह से बनाई जाएगी खाद

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Haryana Khabar : उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद ने फसल अवशेष पराली, गन्ने के पत्ते और गेंहू के डंठल को खेत में ही निस्तारित करने के लिए ऑर्गेनिक डी कंपोजर तैयार किया है. ऑर्गेनिक डी कंपोजर की मदद से फसल अवशेषों को सड़ा कर उनसे कम्पोस्ट खाद तैयार की जाएगी. जिससे मिट्टी की उर्वरा क्षमता बढ़ेगी.

 

 

गन्ना शोध परिषद के वैज्ञानिक डॉक्टर सुनील विश्वकर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि ऑर्गेनिक डी कंपोजर को ट्राइकोडर्मा स्पीशीज से तैयार किया गया है. इसको तैयार करने के लिए क्वालिटी कंट्रोल का पूरा ध्यान रखा जाता है. ट्राइकोडर्मा स्पीशीज को टेलकम पाउडर में मिला कर ऑर्गेनिक डी कंपोजर तैयार होता है. जिसकी भंडारण क्षमता 6 महीने तक होती.


ऑर्गेनिक डी कंपोजर से प्रेसमड़ और गोबर को सड़ा कर उसकी खाद भी बनाई जा सकती है. जिसके लिए एक कुंटल प्रेसमड़ या गोबर की खाद बनाने के लिए एक किलो ऑर्गेनिक डी कंपोजर की जरूरत होगी. जिसका घोल बनाकर गोबर और प्रेसमड़ के ऊपर छिड़काव करना है. जिसके 10 दिन बाद एक बार फिर से गोबर और प्रेसमड़ को पलट कर फिर ऑर्गेनिक डी कंपोजर का छिड़काव कर देना है. इसी तरह दो से तीन बार करने के बाद उसको 30 से 40 दिन के लिए छोड़ देना है. जिसके बाद कम्पोस्ट खाद बनकर तैयार हो जाएगी.


ऑर्गेनिक डी कंपोजर से खेत में ही फसल अवशेषों को सड़ाकर उनकी कम्पोस्ट खाद बनाई जा सकती है. वैज्ञानिक सुनील विश्वकर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि फसल अवशेष को खेत में जोत देना है. उसके बाद 10 किलो ऑर्गेनिक डी कंपोजर प्रति हेक्टेयर के हिसाब से खेत में डाल देना है. जिसके बाद खेत में सिंचाई कर देनी है. सिंचाई करने के बाद उसमें 40 किलो यूरिया और 50 किलो सिंगल सुपर फास्फेट का छिड़काव करना है. नमी रहते ही एक बार फिर 10 दिन बाद एक बार फिर से खेत को जोत देना है. इसके बाद उसमें फसल बोई जा सकती है.


वैज्ञानिक डॉक्टर सुनील विश्वकर्मा ने लोकल 18 को जानकारी देते हुए बताया कि ऑर्गेनिक डी कंपोजर से मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी. इसके अलावा फसल अवशेष को खेत में निस्तारित करने से ऑर्गेनिक कार्बन बढ़ेगा और मृदा की जल धारण क्षमता बढ़ेगी. फसल अवशेष खेत में ही सड़ने से उसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व से कंपोस्ट खाद तैयार होगी जो फसल के लिए बेहद लाभदायक होगी.


गन्ना शोध परिषद के वैज्ञानिक अधिकारी डॉक्टर सुनील विश्वकर्मा ने बताया कि गाना शोध परिषद की ओर से यह ऑर्गेनिक डी कंपोजर किसानों को 56 रुपए प्रति किलो की दर से मुहैया कराया जाता है. अगर कोई भी किसान ऑर्गेनिक डी कंपोजर लेना चाहता है तो वह उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद शाहजहांपुर आकर ले सकता है.

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