शिक्षा विभाग ने दिया स्टूडेंट्स को झटका, अब साल में दो बार होंगे बोर्ड एग्जाम
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शिक्षा मंत्रालय के नए पाठ्यक्रम ढांचे के अनुसार, बोर्ड परीक्षाएं अब महीनों की कोचिंग और रट्टा लगाने की जगह, छात्रों की समझ और दक्षता का मूल्यांकन करेंगी। छात्र-छात्राएं अब सर्वश्रेष्ठ अंक प्राप्त करने के लिए भी प्रयत्नशील रह सकेंगी। इसके साथ ही, नए पाठ्यक्रम ढांचे के तहत कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्रों को विषयों में आजादी दी गई है, जिससे वे पसंद के विषय का चयन कर सकेंगे।
नई शिक्षा नीति के अनुसार, कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्रों को दो भाषाओं का अध्ययन करना होगा, जिसमें से कम से कम एक भाषा भारतीय होनी चाहिए। इसके साथ ही, पाठ्य पुस्तकों की कीमतों में भी कटौती की जाएगी, ताकि छात्रों को आवश्यक शिक्षामान सामग्री मिल सके।
इन सभी बदलावों से बोर्ड परीक्षा की तैयारी में छात्रों को नए दिशानिर्देश मिलेंगे और उन्हें समय-समय पर विभिन्न विषयों में आवश्यक ज्ञान की प्राप्ति होगी।