5 हजार साल से शिव ही संभाल रहे इस पूरे गांव की डोर, पूरे गांव में एसएस 1 मतदाता, कहानी सुनकर रह जाएंगे दंग

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5 हजार साल से शिव ही संभाल रहे इस पूरे गांव की डोर, पूरे गांव में एसएस 1 मतदाता, कहानी सुनकर रह जाएंगे दंग

क्या कभी आपने ऐसा सुना है कि हरियाणा में भी एक ऐसा गांव है जहां पर आज तक पंचायत चुनाव ही नहीं हुए। सुनने में तो यह मजाक लग रहा है लेकिन यही हकीकत है। बता दे कि जहां एक तरफ अभी पंचायती राज चुनाव के लिए चहल पहल जारी है। तो वहीं दूसरी तरफ


क्या कभी आपने ऐसा सुना है कि हरियाणा में भी एक ऐसा गांव है जहां पर आज तक पंचायत चुनाव ही नहीं हुए। सुनने में तो यह मजाक लग रहा है लेकिन यही हकीकत है। बता दे कि जहां एक तरफ अभी पंचायती राज चुनाव के लिए चहल पहल जारी है। तो वहीं दूसरी तरफ कलायत उपमंडल के गांव खड़ांलवा में पांच हजार वर्ष से रामराज है। बता दें कि इस पूरे गांव की जिम्मेदारी खुद से ही भगवान राम के इष्ट देव शिव शंकर भोलेनाथ ने संभाली हुई है। जहां पंचायती चुनाव में ग्रामीण विकास को लेकर सभी उम्मीदवार यह दावा करते हैं कि विकास होगा, तो वही यह गांव की पूरी डोर भोलेनाथ ने संभाली हुई है।








बता दें कि इस शिव मंदिर से जुड़े हुए कई इतिहास है माना जाता है कि जमीन पर शिवशंभू को पातालेश्वर और खटेश्वर के नाम से भी माना जाता है। यह समय की बात है जब विकसित संस्कृति थी जिसके बाद शकों और हूणों के बाद इस गांव को पूरा तबाह कर दिया। लेकिन उस तबाही के बाद कभी भी है,गांव दोबारा आबाद नहीं हो पाया। जिसके बाद 5000 साल वर्ष बाद भूखंड पर प्राचीन शिव मंदिर भी की स्थापना की गई। जब से ही भोलेनाथ को इस पूरे गांव का मुखिया माना जाता है। जिसके बाद से सिर्फ भोलेनाथ को ही इस पूरे गांव का सरपंच और पंच माना जाता है।

5 हजार साल से शिव ही संभाल रहे इस पूरे गांव की डोर, पूरे गांव में एसएस 1 मतदाता, कहानी सुनकर रह जाएंगे दंग







यहां के मुखिया महंत रघुनाथ गिरी का कहना है कि यह मंदिर का इतिहास काफी हजारों वर्ष पुराना है। जब खुदाई करी जा रही थी तो इस मंदिर से पुरानी दीवारों के अवशेष, मिट्टी के बर्तन, मिट्टी की चूड़ियां और मानवीय जन जीवन से जुड़ी वस्तुओं काफी मिली थी। उन्होंने यह भी बताया कि भगवान शिव का संबंध भगवान राम की वंशावली रघुवंश से जुड़ा हुआ है। गांव खडा़लाव में भगवान शिव की आराधना करते हुए भी मोक्ष की प्राप्ति की थी और यह समय की बात है जब समय के साथ-साथ हुए बदलाव ने सभ्यता को तो धुंधला दिया था लेकिन उसके बावजूद भी शिव की पौराणिक मेहता कभी भी कम नहीं हुई है और ग्रामीणों का कहना है कि, हमारे महाराजा तो भोले शंकर ही है।

5 हजार साल से शिव ही संभाल रहे इस पूरे गांव की डोर, पूरे गांव में एसएस 1 मतदाता, कहानी सुनकर रह जाएंगे दंग








कलायत के नायब तहसीलदार हरिंदर पाल का कहना है कि इस गांव की कृषि और गैर कृषि भूमि है और केवल यहां पर ग्रामीण ही नहीं बल्कि राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल, धर्मशाला, सहकारी बैंक, बस स्टैंड, गौशाला, पुरुष महिलाओं के अलग स्थान घर , गलियां और ग्रामीण परिवेश से जुड़ी विभिन्न सुविधाएं सब कुछ है। चुनाव कार्यक्रम सुभाष शास्त्री का कहना था कि इस गांव की मतदाता सूची में केवल एक ही व्यक्ति का नाम है। प्राचीन शिव मंदिर की देखरेख में रहने वाले केवल समाज के लोग आते हैं।

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