खाने में छिपकली-कॉकरोच या सिगरेट मिलने पर उठाएं ये कदम,स्वास्थ्य के खतरे को रोकें

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खाने में छिपकली-कॉकरोच या सिगरेट मिलने पर उठाएं ये कदम,स्वास्थ्य के खतरे को रोकें

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दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज की कैंटीन में स्टूडेंट्स ने फ्राइड राइस ऑर्डर किया तो उनके प्लेट में मरी हुई छिपकली निकली। कुछ महीने पहले इसी कॉलेज की कैंटीन में खाने में कॉकरोच निकला था।

ओडिसा के भुवनेश्वर में एक इंजीनियरिंग कॉलेज के हॉस्टल मेस में स्टूडेंट्स के खाने में मरा हुआ मेढ़क मिला। घटना 23 सितंबर 2023 की है। सोशल मीडिया पर इसकी वीडियो वायरल हुई। इसी तरह भोपाल से ग्वालियर जा रही वंदे भारत ट्रेन में पैसेंजर को रोटी में कॉकरोच चिपका हुआ मिला। हाल ही में मुंबई के एक रेस्टोरेंट में कस्टमर ने चिकन करी ऑर्डर किया। खाते समय ग्रेवी में चूहे का मीट दिखा।

बिहार और बंगाल की दो घटनाएं तो और भी हैरान करने वाली हैं। बिहार के अररिया जिले के एक स्कूल में मिड डे मील में मरा हुआ सांप मिला। जहरीला खाना खाने से 100 बच्चे बीमार पड़ गए। वहीं बंगाल के बांकुरा जिले में मिड डे मील में मरी हुई दिखाई दी। खाना खाने के बाद 35 बच्चों को पेट दर्द, उल्टी की शिकायत पर अस्पताल में भर्ती कराया गया।

खाने में चूहा, छिपकली, कॉकरोच, सांप, मेढ़क, सिगरेट निकलने का मतलब है लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ और किचन में लापरवाही। लोगों की जान तक जा सकती है। ऐसे में लोगों के अधिकार क्या हैं और इन मामलों में क्या कार्रवाई की जा सकती हैं, आइए जानते हैं-

चंडीगढ़ के चिलीज रेस्टोरेंट में 14 सितंबर 2020 को रंजौत कौर अपनी एक फ्रेंड के साथ पहुंचीं। उन्होंने सिपोली चिकन राइस और पनीर राइस ऑर्डर किया। खाना खाने के दौरान उनकी डिश में एक जिंदा कीड़ा देखा। रेस्टोरेंट मैनेजर को शिकायत करने के बाद भी उनकी बात नहीं सुनी गई। तब उन्होंने पुलिस बुलाई और साथ ही डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रिड्रेसल कमीशन में भी शिकायत की।

तीन साल के बाद कमीशन ने रेस्टोरेंट को जुर्माना देने का आदेश दिया। रेस्टोरेंट ने खाने का बिल 852.75 रुपए, 10,000 मुआवजा और 5,000 रुपए केस में लगे खर्च की राशि रंजौत कौर को चुकाई। यही नहीं, कंज्यूमर लीगल एड अकाउंट में भी 10,000 रुपए रेस्टोरेंट मालिक को चुकाने पड़े। कंज्यूमर को यह मुआवजा इसलिए मिला क्योंकि उन्हें अपने अधिकारों के बारे में जानकारी थी। ग्राहक को क्या करना चाहिए, आइए समझते हैं-

फूड एडल्टरेशन मामले में केस दर्ज होने पर बहुत सख्त कार्रवाई की जाती है। मोटे तौर पर कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट (CPA) 2019 और FSSAI इसमें कार्रवाई करता है।

CPA में दर्ज होने वाले केस में कई कैटेगरी होती है जैसे-यदि फूड एडल्टरेशन से कंज्यूमर की तबीयत नहीं बिगड़ती तो 6 महीने तक की जेल और 1 लाख तक जुर्माना, बीमार होने लेकिन ज्यादा सीरियस न हो तो एक साल तक की जेल और 3 लाख तक जुर्माना, गंभीर रूप से बीमार होने पर 7 साल तक की जेल और 5 लाख जुर्माना हो सकता है।

कंज्यूमर की ओर से शिकायत होने पर 90 दिनों की डेडलाइन होती है। लेकिन इसमें एक साल से डेढ़ साल तक का समय लग जाता है। निपटारे में देरी को देखते हुए अब CONFONET प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई है। साथ ही E-दाखिल की भी सुविधा है।

रेस्टोरेंट और होटलों के लिए गाइडलाइन तय है। अनिवार्य रूप से हाईजीन का ख्याल रखना है। जिस जगह पर खाना बन रहा है या स्टोर किया जा रहा है वहां साफ-सफाई होनी चाहिए। रेस्टोरेंट के फ्लोर, दीवार या किसी भी हिस्से में ऐसी जगहें जहां कॉकरोच, चूहे जैसे जीव हो सकते हैं उन्हें बंद करना गाइडलाइंस में है। इसी तरह फूड सेफ्टी ऑफिसर्स की भी जिम्मेदारी तय है।

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