पानीपत केअभिषेक का नूंह में हत्याकांड प्रकरण, पूरे शहर मे लगी धारा 144 , जानिए पूरा मामला

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पानीपत केअभिषेक का नूंह में हत्याकांड प्रकरण, पूरे शहर मे लगी धारा 144 , जानिए पूरा मामला

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Haryana khabar : हरियाणा के नूंह में हिंसा के दौरान पानीपत के नूरवाला के रहने वाले अभिषेक की मौत के बाद जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है। अभिषेक का शव देर रात नूंह से पानीपत लाया गया। यहां सिविल अस्पताल के शवगृह में रखवाया हुआ है। हालांकि संस्कार का समय सुबह 9 बजे का था, लेकिन अभी तक परिजनों ने शव नहीं लिया है।

लोग शवगृह के बाहर जुटना शुरू हो गए हैं। माहौल को देखते हुए परिजनों को समझाने के लिए मौके पर MP संजय भाटिया, DC डॉ. वीरेंद्र दहिया, SP अजीत सिंह शेखावत समेत तमाम अफसर मौके पर पहुंच चुके है। इतना ही नहीं, शहर में किला थाना के सामने RSS की शाखा में भी सैकड़ों की संख्या में युवा इकट्‌ठे हो गए हैं। यहां भी पुलिस उन्हें समझाने का प्रयास कर रही है।

वहीं, विश्व हिंदू परिषद के आह्वान पर आज पानीपत के बाजार भी बंद रहेंगे। दरअसल, परिषद के जिला मंत्री पुनीत बत्रा ने सनौली रोड स्थित काशी गिरी मंदिर में एक मीटिंग का आयोजन किया था। जिसमें उन्होंने पानीपत बंद का आह्वान किया था।

इस आह्वान में पानीपत संयुक्त व्यापार मंडल समिति के प्रधान राजेश सूरी और संयुक्त व्यापारी मंडल के प्रधान दर्शन लाल वधवा ने अपने-अपने दायरे में आने वाले बाजारों को बंद रखने के फैसले का समर्थन किया। इधर, आर्य कॉलेज के सभागार में होने वाला व्यापार मंडल सम्मेलन भी रद्द कर दिया गया है। इसके अलावा नगर निगम की हाउस मीटिंग भी रद्द कर दी गई है। अधिकांश स्कूलों ने भी छुट्‌टी का ऐलान किया है। इसके अलावा बार एसोसिएशन ने भी वर्क सस्पेंड किया है।

बीती रात को अभिषेक के पिता सतपाल ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। सभी की गिरफ्तारी होनी चाहिए। अपराधियों को ऐसा दंड मिला चाहिए कि आगे किसी के साथ कोई इस तरह का करने के बारे में सोचे भी नहीं।

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DC डॉ. वीरेंद्र कुमार दहिया ने जिला में कानून व शांति स्थापित करने के लिए दंड प्रक्रिया नियमावली 1973 की धारा 144 के तहत आदेश जारी किए हैं। आदेशानुसार जिला में किसी भी तरह के गैरकानूनी क्रियाकलापों, सड़कों को जाम करने, रास्तों को रोकने और 5 या 5 से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर बैन है।

इसके अतिरिक्त किसी भी तरह के आग्नेय अस्त्र, तलवार, लाठी, बरछा, कुल्हाड़ी, जेली, गंडासा, चाकू और ऐसे अन्य हथियार जो शांति भंग करने में काम आते हैं, को लेकर चलने पर पाबंदी लगाई गई है। यह आदेश पुलिस फोर्स और दूसरे ऐसे सरकारी ड्यूटी करने वाले व्यक्तियों पर लागू नहीं होंगे जो कानून व्यवस्था स्थापित करने के लिए ड्यूटी पर रहेंगे।

लाठी लेकर चलने वाले दिव्यांग और वे समुदाय जो लंबे समय से चले आ रहे कानून के अनुसार हथियार प्रदर्शित करने के हकदार हैं। उन पर भी ये आदेश लागू नहीं होंगे। लेकिन अगर कानून व्यवस्था भंग करने में उनका कहीं शामिल होना पाया जाता है तो उन लोगों पर भी ये आदेश लागू होंगे। यह आदेश तुरंत प्रभाव से लागू कर दिए गए हैं और कोई भी व्यक्ति अगर इन आदेशों की अवहेलना करते हुए पाया गया तो उसके विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी।

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