पीरियड्स के दर्द और सिरदर्द से आराम , तलवे में लगाने से मिटेगी थकान ,जाने मेहंदी के अनोखे फायदे

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पीरियड्स के दर्द और सिरदर्द से आराम , तलवे में लगाने से मिटेगी थकान ,जाने मेहंदी के अनोखे फायदे

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Haryana khabar : सावन के महीने, शादी और त्योहार के अवसरों पर महिलाएं हाथों में मेहंदी लगाती हैं। मेहंदी सोलह शृंगार में से एक है। मेहंदी सिर्फ सजने-संवरने के काम ही नहीं आती बल्कि दवा के रूप में भी इसका इस्तेमाल होता है। ।

पत्तियों के लेप से हाथों-पैरों की जलन होती दूर

मेहंदी को संस्कृत में ‘मदयन्तिका’ कहा गया है। सुश्रुत संहिता में इसका जिक्र औषधि के रूप में किया गया है। मेहंदी तिक्त, कषाय और शीतवीर्य होने से पित्त का नाश करती है, जिससे शरीर में होने वाले दाह और संताप शांत होते हैं। राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुमित नत्थानी बताते हैं कि जब शरीर में पित्त की मात्रा बढ़ जाती है तो हाथों और पैरों में जलन होती है।

आयुर्वेद में महिलाओं की प्रकृति उष्ण या गर्म मानी जाती है। मेहंदी में टेननिंग और लॉसन जैसे कंपाउंड होते हैं जिससे महिलाओं को सेंसेशन से आराम मिलता है। पीरियड्स के दौरान होने वाली पीड़ा में भी शरीर को ठंडक देने के लिए मेहंदी का इस्तेमाल किया जाता है। मेहंदी की तासीर ठंडी होती है। इसलिए शरीर के शृंगार के साथ स्किन को शीतलता भी देती है। पैरों के तलवे में जलन की भी शिकायत होने पर भी मेहंदी लेप लगाने से जलन से निजात मिलती है।

मेहंदी की पत्तियों को तोड़कर धो लें। इसे बारीक पीसकर पेस्ट तैयार करें। इसमें इंडिगो पाउडर भी मिला सकते हैं। इंडिगो यानी नील भी नेचुरल होता है। इससे बालों को न्यूट्रिशन मिलता है। मेहंदी की पत्तियों को तोड़कर धो लें। इसे बारीक पीसकर पेस्ट तैयार करें। इसमें इंडिगो पाउडर भी मिला सकते हैं। इंडिगो यानी नील भी नेचुरल होता है। इससे बालों को न्यूट्रिशन मिलता है। मेहंदी की पत्तियों का लेप लगाने से सिर दर्द होगा कम

जिन लोगों को माइग्रेन या सिर दर्द की शिकायत रहती है उन्हें मेहंदी का लेप सिर में लगाना चाहिए। इसके लिए मेहंदी की पत्तियों को बारीक पीस लें और सिर में लगाएं। इससे दिमाग को ठंडक मिलती है। मेहंदी के तेल से मालिश करने पर सिरदर्द से छुटकारा मिलता है।

मेहंदी के 8 से 10 फूल और सिरके को पीसकर पानी में मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें और सिर में लगाएं। गर्मी के दिनों में सिरदर्द और जी मिचलाने की अधिक शिकायतें होती हैं। ऐसे में मेहंदी कूलिंग एजेंट की तरह काम करती है।

गर्मी में मेहंदी के 40-50 ग्राम पत्तों को 50 मिली लीटर तेल में उबाल लें। इस तेल को सिर में लगाएं तो दर्द से आराम मिलेगा।
काढ़ा बनाकर कुल्ला करने से मुंह के छाले खत्म होते हैं

डॉ. सुमित बताते हैं कि मुंह और गले के रोगों में मेहंदी का काढ़ा बनाकर कुल्ला करना चाहिए। कई बार लोगों के मुंह में छाले पड़ जाते हैं या जीभ के नीचे वाले हिस्से में दाने आ जाते हैं। तीखी चीज खाने पर इनमें काफी पीड़ा होती है।
 

स्किन से जुड़ी बीमारियों में मेहंदी का इस्तेमाल करें

सावन के महीने में महिलाओं में मेहंदी लगाने का चलन है। इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी है। इस मौसम में नमी अधिक होती है जिसके कारण बैक्टीरिया पनपते हैं। फंगल इन्फेक्शन की भी शिकायतें अधिक होती हैं, जिसे दाद-खाज या खुजली कहते हैं। मेहंदी की पत्तियों का पेस्ट लगाने से फंगल इन्फेक्शन दूर होता है। स्किन ग्लो भी करती है। इसे लगाने से पैरों की दुर्गंध भी दूर होती है।

अनिद्रा और स्ट्रेस भी दूर करने में उपयोगी

मेहंदी की पत्तियों में खुशबू होती है। डॉ. सुमित बताते हैं कि मेहंदी की पत्तियां ही नहीं, फूल भी बहुत सुगंधित होता है।जिन्हें नींद न आने की समस्या है उन्हें तकिए के नीचे मेहंदी के फूलों को रखकर सोना चाहिए। इसकी खुशबू साइकोलॉजिकल असर डालती है।मेहंदी के फूलों का इस्तेमाल चाय के रूप में भी कर सकते हैं। उबले हुए पानी में मेहंदी के 8-10 फूल डालें और इसे छान कर पी जाएं। इससे एंग्जाइटी और स्ट्रेस दूर होता है।

मेहंदी के पत्तों का रस सेवन करने से यूरिन की गड़बड़ी ठीक होती है। मेहंदी की पत्तियों का रस निकाल लें। इसे चीनी के साथ पी लें। सुश्रुत संहिता में इसका जिक्र किया गया है। मेहंदी के बीजों का भी प्रयोग किया जाता है। ब्लीडिंग डायरिया में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।

कुछ लोगों के नाखून टूटे हुए दिखते हैं या उनमें दरारें आ जाती हैं। नाखून में भुरभुरापन होता है।तब भी मेहंदी का इस्तेमाल किया जा सकता है। मेहंदी पाउडर को मक्खन के साथ मिलाएं और नाखून पर लगाएं। इससे न केवल नाखूनों में चमक आती है बल्कि नाखूनों की सूजन या दरारें भी खत्म होती हैं।


बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) के चिकित्सा विज्ञान संस्थान के आयुर्वेद संकाय के द्रव्यगुण विभाग के एचओडी प्रो. भुवाल राम ने बताया कि सीमित मात्रा में मेहंदी का इस्तेमाल करने से कोई साइड इफेक्ट नहीं होता। मेहंदी की पत्तियों का रस 5 से 10 एमएल से ज्यादा सेवन नहीं करना चाहिए। बुखार की स्थिति में इसका सेवन किया जा सकता है। इसके फूलों का रस एक से तीन ग्राम लेना चाहिए। फूल के रस का सेवन अनिद्रा, हृदय रोगों और ब्लड प्रेशर में किया जा सकता है।

मेहंदी में कई चीजें मिलाकर इसके औषधीय गुणों को बढ़ा सकते हैं। बालों को रंगने के लिए इसका इस्तेमाल सदियों से होता रहा है।
मेहंदी में कई चीजें मिलाकर इसके औषधीय गुणों को बढ़ा सकते हैं। बालों को रंगने के लिए इसका इस्तेमाल सदियों से होता रहा है।
बालों को रंगने के लिए मेहंदी का सबसे ज्यादा इस्तेमाल  होती है । 

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