राजपूत समाज की मांगों के साथ धरने में शामिल होने की तैयारी, जानिए क्या है उनकी मांगे

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राजपूत समाज की मांगों के साथ धरने में शामिल होने की तैयारी, जानिए क्या है उनकी मांगे

Kaithal News: प्रदेश के 1300 गांवों से धरने पर पहुंचेंगे राजपूत समाज के लोग


राजपूत समाज की मांगों के साथ धरने में शामिल होने की तैयारी, जानिए क्या है उनकी मांगे
Haryana khabar :  सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा के अनावरण के बाद भी उससे जुड़े विवाद में खत्मी नहीं हुई है। राजपूत समाज के लोग उस प्रतिमा पर लिखे गए 'गुर्जर' शब्द के खिलाफ विरोध कर रहे हैं। उनकी मांगों को पूरा करने के लिए, राजपूत समाज के लोगों ने 25 अगस्त से कलायत में राज्य स्तरीय धरना शुरू किया है। इसके साथ ही, एक नए निर्णय के तहत प्रदेश के राजपूत बाहुल्य लोगों को हर रोज़ एक गांव से मौजूद लोगों को राज्य स्तरीय धरने में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं।

इस मुद्दे के आधार पर, राजपूत बाहुल्य के लोग अब धरने में शामिल होने का आयोजन किया है। बुधवार को जींद जिले के सफीदों के गांव सिंघाना के लोगों ने धरने में हिस्सा लिया। आगामी महीने, 18 अक्टूबर को कैथल में राज्य स्तरीय 'स्वाभिमान यात्रा' का आयोजन किया जाएगा। सिंघाना से धरने में शामिल हुए सरपंच सुरेंद्र ने बताया कि जब तक सरकार उनकी मांगों को स्वीकार नहीं करती, तब तक उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।

याद रहे कि जुलाई में इस विवाद की शुरुआत हुई थी जब कैथल में स्थापित सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा पर 'गुर्जर' शब्द लिखा गया था। इसके बाद राजपूत समाज के लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया था, क्योंकि वे मानते थे कि सम्राट मिहिर भोज राजपूत समाज से थे और उन्हें 'गुर्जर' शब्द से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा था।

समाज के प्रमुख मांगें हैं:

1. प्रतिनिधित्व करने वाले प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
2. कैथल के भाजपा जिलाध्यक्ष अशोक गुर्जर के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
3. भविष्य में ऐतिहासिक स्थलों पर छेड़छाड़ न होने की गारंटी दी जाए।
4. सवर्ण आयोग का गठन किया जाए।
राजपूत समाज के नेताओं ने इन मांगों के लिए काफी संघर्ष किया है और अब वे इन मांगों के साथ आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं।

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