बिना कोचिंग के पास किया UPSC ,प्रीती कहलाती हैं लेडी सिंघम
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Success Story : प्रीती की शुरुआती पढ़ाई अपने गांव के ही सरकारी स्कूल से हुई. वे स्कूल से कॉलेज और फिर यूपीएससी की तैयारी तक, मेहनत के दम पर आगे बढ़ती गईं. मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि प्रीती चंद्रा बेहद ईमानदार और सख्त अफसर हैं. वह अपने अच्छा कामों की वजह से लेडी सिंघम के नाम से जानी जाती है. इन्होंने आईपीएस डॉ. विकास पाठक से लव मैरिज की. दोनों की मुलाकात ट्रेनिंग के दौरान हुई हैं.
ये कहानी है राजस्थान के सीकर जिले के कुंदन गांव की प्रीती चंद्रा की. प्रीती की शुरुआती पढ़ाई अपने गांव के ही सरकारी स्कूल से हुई. स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद प्रीति चंद्रा ने यपुर के महारानी कॉलेज से एमए किया. जयपुर से ही बीएड भी किया और यहीं से पत्रकारिता भी शुरू की. पत्रकारिता करते हुए ही उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की. बाद में M.Phil किया और बच्चों को पढ़ाया भी.
प्रीती चंद्रा ने पहले ही अटेंप्ट में 2008 में बिना कोचिंग के 255वीं रैंक के साथ यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की और आईपीएस (IPS) पद के लिए सेलेक्शन हुआ. लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) में ट्रेनिंग के दौरान प्रीति चंद्रा की मुलाकात आईपीएस डॉ. विकास पाठक (IPS vikas pathak) से हुआ.
प्रीती चंद्रा व विकास पाठक पहले दोस्त बने और फिर प्रेमी. विकास यूपी से हैं. मसूरी के बाद जब हैदराबाद में ट्रेनिंग हुई तो दोनों ने सगाई की. ट्रेनिंग के बाद प्रीति को राजस्थान कैडर मिला, विकास को तमिलनाडु कैडर. साल 2010 में दोनों ने जयपुर में शादी की. शादी के बाद विकास की पोस्टिंग भी जयपुर में ही हो गई.
प्रीति चंद्रा के पिता रामचंद्र सुंडा रिटायर्ड फौजी हैं. प्रीति चंद्रा पहली पोस्टिंग में अलवर में एसएसपी बनीं. इसके बाद उन्होंने अलग अलग जगहों पर काम किया, जिस दौरान वह बूंदी और कोटा एसीबी में एसपी बनीं. करौली में एसपी पद पर रहीं. जयपुर मेट्रो कॉर्पोरेशन में पुलिस उपायुक्त रहीं. बीकानेर में एसपी रहीं.
करौली में पोस्टिंग के दौडरान वह अपने ईमानदार काम और अपराधियों के प्रति सख्त रवैये के लिए जानी गईं. वह अपराधियों के साथ इतनी सख्ती से पेश आईं कि वहां के कई डकैतो ने खुद ही सरेंडर कर दिया. प्रीति चंबल के बीहड़ में भी डकैतों पर काबू पाने के लिए काम कर चुकी हैं. राजस्थान के बूंदी में एसपी के तौर पर तौनाती के दौरान भी उन्होंने छोटी बच्चियों को देह व्यापार में धकेलने वाले आरोपियों को जेल भेजा था. तब से उन्हें लेडी सिंघम के नाम से जाना जाता है.