रक्षाबंधन पर शहीद सैनिकों की बहनों की दिल छू लेने वाली कहानी बनी समर्पण और वीरता की मिसाल, पढिए पूरी खबर

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रक्षाबंधन पर शहीद सैनिकों की बहनों की दिल छू लेने वाली कहानी बनी समर्पण और वीरता की मिसाल, पढिए पूरी खबर

रक्षाबंधन पर शहीद सैनिकों की बहनों की दिल छू लेने वाली कहानी बनी समर्पण और वीरता की मिसाल, पढिए पूरी खबर


रक्षाबंधन पर शहीद सैनिकों की बहनों की दिल छू लेने वाली कहानी बनी समर्पण और वीरता की मिसाल, पढिए पूरी खबर
Haryana khabar :  राखी भाई और बहन के प्यार, स्नेह और परस्पर सम्मान का त्यौहार है. बहनें भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं, भाई ताउम्र उनकी रक्षा करने का वादा करते हैं. हर किसी की किस्मत एक जैसी नहीं होती, ऐसी कई बहनें हैं जो चाहकर भी अपने भाइयों को राखी नहीं बांध सकती. हम बात कर रहे हैं देश की रक्षा करते हुए शहीद हुए जवानों की. ज़रा सोचिए राखी के दिन शहीदों की बहनों को अपने भाइयों की कितनी ज़्यादा याद आती होगी.

भाई की यादों को सम्मान करते हुए देश की कई बहनें राखी के मौके पर अपने शहीद भाई की प्रतिमा को राखी बांधती हैं. आज ऐसे ही वीर भाइयों की बहनों की कहानी जानते हैं.

1. शहीद निशांत मलिक

हरियाणा के हिसार ज़िले के हांसी के गांव ढंढेरी में है शहीद निशांत मलिक का घर. 11 अगस्त, 2022 को राखी के दिन आतंकवादियों से लोहो लेते हुए निशांत शहीद हो गए. तीन बहनों के इकलौते भाई ने रक्षा बंधन के दिन ही वीरगति प्राप्त की. रक्षा बंधन के दिन निशांत की तीन बहनों- किरण, ज्योति और नीरज ने गांव ढंढेरी पहुंची. अमर उजाला के लेख के अनुसार, गांव के सरकारी स्कूल में निशांत की प्रतिमा लगाई गई थी, इसी प्रतिमा को राखी बांधकर बहनों ने राखी का त्यौहार मनाया. राखी बांधते हुए बहनों की आंखों से आंसू छलक पड़े लेकिन उन्होंने कहा कि उन्हें अपने भाई पर गर्व है.

2. शहीद छोटूराम

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छोटूराम 4 जून 2006 को जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हो गए थे. छोटूराम की बहनें विमला और गीता पिछले 17 सालों से भाई की मूर्ति को राखी बांधती आ रही हैं. राखी के दिन विमला और गीता को अपने भाई की ज़्यादा याद आती है. राखी पर अपनी बहनों को हमेशा फ़ोन करते थे और तोहफ़े देते थे छोटूराम. बहनों ने ये भी कहा कि भले ही उनका भाई आज इस दुनिया में नहीं है लेकिन उन्हें अपने भाई की शहादत पर गर्व है.

3. शहीद हवलदार परमेश्वरलाल गोदारा

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राजस्थान के फतेहपुर शेखावाटी के बिराणिंया गांव में एक बहन बीते कई सालों से अपने शहीद भाई की प्रतिमा को राखी बांधती आ रही है. 15 नवंबर 2003 को हवलदार परमेश्वरलाल गोदारा ने जम्मू कश्मीर के पूंछ में देश के सर्वोच्च बलिदान दिया. गांव के एक स्कूल के पास ही शहीद हवलदार परमेश्वरलाल गोदारा की प्रतिमा लगाई गई. पिछले 20 सालों से शहीद की बहन दुर्गा देवी प्रतिमा को राखी बांधती आ रही है.

4. शहीद विनोद कुमार

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राजस्थान के सीकर ज़िले के रामपुरा गांव के सैनिक विनोद कुमार नागा 1999 के कारगिल युद्ध में शहीद हो गए थे. शहीद विनोद की बहनों और परिजनों के लिए आज भी वो ज़िन्दा हैं. हर साल शहीद की बहन सुशीला उनके प्रतिमा के पास आती हैं और कलाई पर राखी बांधती हैं.

5. 12 जवानों के शहीद स्मारक पहुंची बहनें

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छत्तीसगढ़ का सुकमा ज़िला नक्सलवाद से जूझ रहा है. अब तक यहां नक्सलवादियों से लड़ते हुए सैंकड़ों जवान शहीद हो चुके हैं. नई दुनिया की रिपोर्ट के मुताबिक ज़िले में एनएच 30 पर एक गांव है एर्राबोर. गांव के पास साप्ताहिक बाज़ार स्थल पर 12 जवानों का शहीद स्मारक बनाया गया है. ये जवानों का गांव आस-पास ही है और नक्सलियों से मुठभेड़ की अलग-अलग घटनाओं में ये शहीद हुए थे. 10 जुलाई, 2007 को एर्राबोर थानाक्षेत्र के उत्पलमेटा की घटना में 23 जवानों ने वीरगति प्राप्त की थी. इनमें से 6 जवान एर्राबोर के ही थे. इसके बाद जवानों की प्रतिमा स्थापित की गई. उन जवानों की बहनें हर साल अपने भाइयों की प्रतिमा को राखी बांधने आती हैं. एर्राबोर की घटना के बाद गांव के और भी जवान शहीद हुए, उनकी प्रतिमा भी यहीं लगाई गई.

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