Mughal Haram: मुगल हरम नही था किसी नरक से कम, बादशाह ऐसे बढ़ता था अपनी मर्दाना ताकत
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Haryana Khabar(Pallavi): मुगल शासकों ने कईं सदियों तक हिंदुस्तान पर शासन किया हैं जिसके बारे में बहुत सी किताबों में लिखा गया हैं। इतिहास में रुचि रखने वाले लोगों को उस समय के राजा के बारे में जानने की काफ़ी उत्सुकता रहती हैं। बहुत सी किताबों में मुगल बादशाहों का जिक्र किया गया हैं, उनके रहने, खाने पीने के तरीके से लेकर सब कुछ किताबों में बताया गया हैं।
इस बारे में और भीं अन्य तथ्य हैं जिनको जोडके रखा गया हैं, जिनमें मुगल शासकों के खानें के बारे में भी बात की गईं हैं। मैनरिक जो की एक पुर्तगाली व्यापारी था उसने मुग़ल शासन पर एक किताब लिखीं जिसमे उन्होंने शाहजहां के बारे में लिखते हुए कहा हैं की कैसे उन्होंने अपने पूर्वजों की परंपराओं को आगे बढ़ाया व कैसे वो हरम में अपनी बेगम व रेखेलो के साथ भोजन करता था। मुगल शासकों के समीप जानें की अनुमति हर किसी को नहीं होती थीं इसलिए उन्हें खाना परोसने भी उनके करीबी किन्नर ही जाया करते थे।
खानें के सारे व्यंजन पहले की तय कर लिए जाते थे, और साथ की शाही हकीम तय करता था की शाही व्यक्ति के हिसाब से व्यंजन बने। डच व्यापारी ने अपनी किताब 'जहांगीर्ष इंडिया' और मैनरिक ने अपनी किताब "ट्रेवल्स ऑफ फ्रें सेबेस्टियन मैनरिक" में शाही शाशको के खानें का वर्णन किया हैं। उनके मुताबिक मुगलों के शाही व्यंजन हर दिन तय किए जाते थे और शाही हकीम बादशाह के भोजन के लिए विशेष चीज़े व औषधि खानें में शामिल करवाते थे जिसके चलते बादशाह की तबीयत ठीक रह सकें।।