इसरो की उड़ान: गगनयान मिशन के साथ अंतरिक्ष में नए कीर्तिमान की ओर

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इसरो की उड़ान: गगनयान मिशन के साथ अंतरिक्ष में नए कीर्तिमान की ओर

इसरो की उड़ान: गगनयान मिशन के साथ अंतरिक्ष में नए कीर्तिमान की ओर


इसरो की उड़ान: गगनयान मिशन के साथ अंतरिक्ष में नए कीर्तिमान की ओर

Haryana khabar : जनवरी के पहले पखवाड़े में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का अंतरिक्ष यान "गगनयान" अंतरिक्ष में उड़ान भरने जा रहा है, इसके पीछे है चंद्रयान-3 की सफलता के बाद नया कीर्तिमान। इसरो के अहमदाबाद के सेंटर (सैक) के वैज्ञानिक प्रबल मुंजाल ने बताया कि इस बार गगनयान मिशन में पहली बार एक रोबोट भी शामिल होगा जो अंतरिक्ष में मानव जैसा दिखेगा। यह रोबोट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की तकनीक से तैयार किया गया है और वैज्ञानिकों के साथ संवाद भी कर सकेगा। गगनयान रोबोट के साथ नये उच्चांकित मिशन की तैयारियाँ तेजी से बढ़ रही हैं, जो

जनवरी के पहले पखवाड़े में उड़ सकता है। इसरो के सैक के वैज्ञानिक रोबोटों ने पहले ही चंद्रयान-3 मिशन में अहम भूमिका निभाई है और इसी तरह गगनयान में भी महत्वपूर्ण योगदान देने जा रहे हैं। गगनयान रोबोट के साथ की जाने वाली मिशन की संभावित उड़ान जनवरी के पहले पखवाड़े में हो सकती है और यह भारत को अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर रख सकता है।

रोवर पर लगे नेविगेशन कैमरा ने यह तस्वीर ली है, जिसका विकास लैबोरेट्री फॉर इलेक्ट्रो ऑप्टिक्स सिस्टम्स ने किया है। गगनयान मिशन के रोबोट का डिज़ाइन सैक के वैज्ञानिकों द्वारा किया जा रहा है और इसमें एक हवाई जहाज की तरह की बैठक भी शामिल होगी। यह रोबोट नवंबर 2023 से फरवरी 2024 के बीच गगनयान रोबोट के साथ उड़न भरेगा, जिससे अंतरिक्ष के ऊंचाइयों और गहराई में नए इतिहास की रचना होगी।

इस महत्वपूर्ण अंतरिक्ष मिशन के पीछे विज्ञान और तकनीकी क्षमता की भारतीय प्रगति का प्रतीक है। चंद्रयान-3 की सफलता के बाद गगनयान मिशन से भारत अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में और भी आगे बढ़ सकता है और विश्व स्तर पर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। यह मिशन भारतीय वैज्ञानिकों और अनुसंधानकर्ताओं के संघर्ष, मेहनत और निष्ठा का परिणाम है जो देश को गर्व महसूस कराता है।

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