हरियाणा की मिनी काशी में छुपे रहस्य, जानिए रोचक तथ्य और इस जिले की खासियत
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Haryana khabar : बहुत कम लोग इस बारे में जानते होंगे कि हरियाणा के भिवानी को छोटी काशी भी कहा जाता है। यूं तो भिवानी शहर कई पहचान है। एक समय इसे प्रदेश की राजनीति की राजधानी माना जाता था। यहां खिलाड़ियों की संख्या अधिक होने पर इसे खेल नगरी भी कहा गया। बॉक्सिंग में नाम होने के बाद मिनी क्यूबा कहा गया, पर सबसे पहले इस शहर की पहचान छोटी काशी के नाम से बनी थी।
भिवानी को सदियों से छोटी काशी के नाम से जाना जाता है। धर्म और आस्था को लेकर भिवानी की अपनी अलग पहचान है। भिवानी में सैंकड़ों मंदिर हैं। यहां हर गली, मोहल्ले, नुक्कड़ पर छोटे-बड़े मंदिर हैं। यहां लगभग हर देवी-देवता के मंदिर हैं। माना जाता है कि भिवानी में करीब 300 मंदिर होंगे, जिसके चलते इसका नाम छोटी काशी रखा गया है।
छोटी काशी के प्रसिद्ध मंदिरों की बात करें तो इनमें भिवानी का जोगीवाला मंदिर, हनुमान जोहड़ी मंदिर, सेठ किरोड़ीमल मंदिर, देवसर धाम, धनाना गांव में माता फुलमदे मंदिर, तोशाम में मुंगीपा मंदिर आदि हैं। यहां हर साल कई बार बड़े धार्मिक आयोजन भी होते हैं। लोग देश के अलग-अलग कोनों से यहां माथा टेकने आते हैं।
इसलिए पड़ा नाम
हनुमान जोहड़ी मंदिर के महंत चरणदास और जोगीवाला मंदिर के महंत वेदनाथ का कहना है कि जहां भगवान शिव का वास माना जाता है, उसे काशी के नाम से जाना जाता है। जैसे यूपी के वाराणसी में मंदिर बहुत ज्यादा हैं और वहां भगवान शिव का वास माना गया है। वैसे ही भिवानी में भी मंदिर बहुतायत हैं और यहां भी भगवान शिव का वास माना जाता है। इसलिए भिवानी को छोटी काशी कहा जाता है।
सेठों ने बनवाए मंदिर
महंतों का कहना है कि भिवानी के लोग धार्मिक हैं। पुराने समय में यहां के सेठों ने मंदिर बनवाए। जोहड़, तालाब और गोशालाएं भी बनवाईं। आज भी लोग भगवान में अटूट विश्वास व आस्था रखते हैं. सुबह 4 से रात 10 बजे तक मंदिरों में आते हैं। यहां के लोगों की धार्मिक भावनाओं के चलते यहां हर धर्म, जाति व संप्रदाय के लोग शांति व सद्भाव से रहते हैं।