हरियाणा के इन जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, 4 दिन बाद भी बाढ़ से राहत नही
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Haryana Khabar : कई सालों के बाद अबकी बार बारिश ने कहर उतार दिया है। बाढ़ के पानी ने कई घर बर्बाद कर दिए है तो कहीं परिवार पलायन करने को मजबूर हैं। और हैरानी को बात तो यह है कि हमारी सरकार ने प्रकृति आपदाओं से बचने के लिए कुछ खास इंतजाम भी नही किए हुए है।
हरियाणा में बाढ़ से चौथे दिन भी राहत नहीं मिल पाई। राज्य के अभी भी 11 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। इनमें अंबाला, फतेहाबाद, फरीदाबाद, पंचकूला, झज्जर, कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, पानीपत, सोनीपत और यमुनानगर शामिल हैं। इन जिलों में 854 गांवों में अभी पानी खड़ा हुआ है।
वहीं अब सिरसा में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। इसकी वजह है कि घग्गर में 27500 क्यूसेक पानी पहुंच चुका है। 12 घंटे में नदी में 7 हजार क्यूसेक पानी बढ़ चुका है। प्रदेश में आज भी 3 जिलों पंचकूला, अंबाला और यमुनानगर में चंडीगढ़ मौसम विभाग ने भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
अब तक के मिले आंकड़ों के अनुसार 1.24 लाख हेक्टेयर फसलों को नुकसान पहुंचा है। राहत की बात यह है कि सरकार की और से अब तक 12 राहत कैंप खोले जा चुके हैं। घरों में फंसे लोगों को अब तक 13 हजार फूड पैकेट्स पहुंचाए जा चुके हैं। वहीं अब तक कई सड़कों और ब्रिज को भी बारिश से काफी नुकसान हुआ है।
अंबाला के 750 में से 430 स्कूलों व कुरुक्षेत्र में 203 सरकारी स्कूलों में पानी भरा है। इस कारण रविवार तक स्कूल बंद रहेंगे। यमुनानगर के स्कूलों में भी गुरुवार को छुट्टी रही। करनाल, पानीपत और कैथल के बाढ़ प्रभावित स्कूलों को फिलहाल बंद रखा गया है। राजधानी दिल्ली में 1978 के बाद पहली बार यमुना का जलस्तर इतना बढ़ा है।
1978 में दिल्ली में आए बाढ़ से भारी तबाही मची थी। इस दौरान जानमाल का काफी नुकसान हुआ था। इसबार भी यमुना अब रौद्र रूप में है। दिल्ली के कई पॉश इलाकों में बाढ़ का पानी घुस चुका है। सिविल लाइंस में सीएम के आवास से एक किलोमीटर दूर तक दो फीट से ज्यादा पानी भरा हुआ है।