Haryana Kisan :किसानों को समृद्ध करने के लिए हरियाणा सरकार दे रही ये सुविधाएं

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Haryana Kisan :किसानों को समृद्ध करने के लिए हरियाणा सरकार दे रही ये सुविधाएं

मुख्यमंत्री मनोहर लाल


Haryana Kisan News : किसी भी प्रदेश व देश की उन्नति तभी संभव होगी, जब वहां का अन्नदाता खुशहाल व समृद्ध बनेगा। इसी सोच के साथ किसानों के कल्याणार्थ हरियाणा सरकार निरंतर नवाचार और नई-नई पहलों के माध्यम से प्रदेश के किसानों की प्रगति सुनिश्चित कर रही है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के मार्गदर्शन में बीज से बाजार तक अवधारणा के अनुरूप राज्य सरकार किसानों को उत्तम बीजों के वितरण से लेकर उनकी फसल खरीद हेतु बाजार तक पहुंच की व्यवस्था भी कर रही है। 

मुख्यमंत्री स्वयं एक किसान परिवार से हैं, वे किसानों का संघर्ष और उनकी समस्याओं से भलि-भांति अवगत हैं। इसलिए वे निरंतर किसानों के कल्याण हेतु सरकार की योजनाओं का जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन सुनिश्चित कर रहे हैं, ताकि किसान उनके लिए चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठा सके।

राज्य सरकार ने किसानों को उचित दर पर गुणवत्ता प्रमाणित बीज उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं। नई जारी प्रमाणित किस्मों को अपनाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न फसलों के प्रमाणित बीजों की खरीद पर बीज वितरण अनुदान प्रदान किया जा रहा है। 

अनुदान उन सभी किसानों को अप्रत्यक्ष रूप से मुहैया करवाया जाता है जो एचएसडीसी, एचएलआरडीसी, एचएआईसी, हैफेड, एचएयू, एनएससी, ईफको/ आईएफएफडीसी तथा एनएफएल के बीज विक्रय केन्द्र से बीज खरीदते है। अक्तूबर, 2019 से 31 मार्च 2020 कुल 45 करोड़ रुपये तथा वर्ष 2020-21 के दौरान कुल 55 करोड़ रुपये आरकेवीवाई स्कीम व स्टेट प्लान स्कीम के तहत वितरित किए गए हैं। 

जबकि वित्त वर्ष 2021-22 में लगभग 6 लाख क्विंटल बीज विभिन्न सरकारी एजेंसियों के माध्यम से किसानों को वितरित किये गये हैं, जिसके लिए लगभग 67.70 करोड़ रुपये विभिन्न सरकारी एजेंसियों को विभाग के माध्यम से सरकार द्वारा उपलब्घ करवाया गया। वर्ष 2022-23 के लिए 58 करोड़ रुपये की राशि आरकेवीवाई स्कीम व स्टेट प्लान स्कीम के तहत तथा वर्ष 2023-24 के लिए 42.25 करोड़ रुपये स्टेट प्लान स्कीम के तहत पिछले वर्ष के रबी 2022-23 सीज़न की फसलों के बीज पर अनुदान जारी करने हेतू वितरित किए गए हैं।

स्मैम योजना के तहत किसानों को दी गई 315 करोड़ रुपये से ज्यादा की सब्सिडी

आज के युग में कृषि क्षेत्र में नवीन तकनीकों के प्रचलन से कृषि व्यवसाय लाभदायक क्षेत्र बनता जा रहा है। इसलिए कृषि में उन्नत तकनीकों को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा लगातार किसानों को जागरूक किया जा रहा है।

 इसके लिए राज्य में मशीनीकरण को बढ़ावा देने के लिए सब-मिशन ऑन एग्रीकल्चर मैकनाईजेशन (स्मैम) योजना के तहत वर्ष 2014-15 से अब तक 32523 मशीनरी व्यक्तिगत ऋणी के किसानों को 40-50 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध करवाये गये तथा 472 मशीनरी बैंक स्थापित किये जा चुके हैं। राज्य के किसानों को 315 करोड़ रुपये से अधिक राशि सब्सिडी के रूप में प्रदान की जा चुकी है।

 वर्ष 2022-23 में 2330 मशीन किसानों द्वारा 40-50 प्रतिशत अनुदान पर दी गई है। इसके अलावा, वर्ष 2023-24 में भारत सरकार द्वारा योजना के क्रियान्यव हेतू 53 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

फसल अवशेष प्रबंधन के लिए भी किसानों को उपकरणों पर मिल रहा 50 प्रतिशत से 80 प्रतिशत तक अनुदान

मुख्यमंत्री का मानना है कि फसली अवशेषों के समुचित प्रबंधन की आवश्यकता है। इस चुनौती को समझते हुए सरकार किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के प्रति जागरूक करने के साथ – साथ उन्हें उपकरणों पर 50 प्रतिशत से 80 प्रतिशत तक अनुदान दे रही है।

 इसके अंतर्गत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में फसल अवशेष जलाने से उत्पन्न प्रदूषण को रोकने के लिए वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक व्यक्तिगत ऋणी के किसानों को 41331 फसल अवशेष प्रबंधन के उपकरण 50 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध करवाये गये तथा 6775 कस्टम हायरिंग सेन्टर 80 प्रतिशत अनुदान पर स्थापित किये जा चुके हैं।

 राज्य के किसानों को 584 करोड़ रुपये से अधिक की राशि सब्सिडी के रूप में प्रदान की जा चुकी है। वर्ष 2022-23 में 7294 किसानों द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन कृषि यंत्रों की खरीद 82 करोड़ अनुदान पर की गई। इतना ही नहीं, वर्ष 2023-24 में भारत सरकार द्वारा योजना के क्रियान्यव हेतू 300 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

मृदा स्वास्थ्य टेस्टिंग लैब किसानों के लिए हो रही सहायक सिद्ध

उत्तम फसल उत्पादन के लिए मिट्टी की उर्वरक शक्ति को पहचानना बेहद आवश्यक है, लेकिन मृदा स्वास्थ्य जांच एक जटिल प्रक्रिया है। इसी उद्देश्य हेतु मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल द्वारा ’हर खेत-स्वस्थ खेत अभियान की घोषणा की गई थी, जिसके तहत तीन-चार वर्षों में राज्य के प्रत्येक एकड़ के मृदा नमूने एकत्रित करके सभी किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिए जाएंगे। 

हर खेत-स्वस्थ खेत अभियान के तहत राज्य में अभी तक लगभग 55 लाख मृदा नमूने एकत्रित किए जा चुके हैं और उनके विश्लेषण का कार्य प्रगति पर है। मृदा स्वास्थ्य टेस्टिंग की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए राज्य में मिट्टी, जल, पेस्टीसाइड, एवं फर्टीलाइजर परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं। इसके अंतर्गत मृदा स्वास्थ्य के लिए 52 (स्टेटिक लैब), 54 (मिनी), पेस्टीसाइड की 3, फर्टीलाइजर की 3 और बीज टेस्टिंग के लिए 2 लैब स्थापित की गई हैं।

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