मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत प्रदान की जाती है अनुदान राशि
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Kurukshetra News : जिला मत्स्य अधिकारी एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य किसान विकास एजेंसी विभाग द्वारा अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के बेरोजगार युवकों के लिए योजनाएं चलाई जा रही है, जिसके अंतर्गत ग्रामीण पंचायती तालाबों को पट्टïे को लेकर मछली पालन का कार्य करने पर प्रथम वर्ष की पट्टïा राशि खर्च विभागीय नियमानुसार 50 हजार प्रति हेक्टेयर की दर से अथवा वास्तविक पट्टïा राशि खर्च का 50 फीसदी में से जो भी कम हो अनुदान प्रदान किया जाता है तथा इसमें विभागीय सीमा 2 हेक्टेयर क्षेत्र के लिए 1 लाख रुपए है।
विभाग द्वारा इसके पश्चात द्वितीय वर्ष तथा आगामी वर्षों की पट्टïा राशि पर भी 25 फीसदी की दर से अनुदान प्रदान किया जाएगा। इसके साथ-साथ अधिसूचित पानियों में मछली पकडऩे के अधिकारों की नीलामी पर भी नीलामी राशि का 50 फीसदी या अधिकतम 3 लाख रुपए अनुदान के रुप में प्रदान किया जाएगा।
विभाग द्वारा इसके पश्चात द्वितीय वर्ष तथा आगामी वर्षों की पट्टïा राशि पर भी 25 फीसदी की दर से अनुदान प्रदान किया जाएगा। इसके साथ-साथ अधिसूचित पानियों में मछली पकडऩे के अधिकारों की नीलामी पर भी नीलामी राशि का 50 फीसदी या अधिकतम 3 लाख रुपए अनुदान के रुप में प्रदान किया जाएगा।
अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के मत्स्य किसानों द्वारा जाल की खरीद पर 50 फीसदी या अधिकतम 10 हजार रुपए अनुदान प्रदान किया जाएगा। निजी भूमि में मछली पालन का कार्य करने पर एक हेक्टैयर क्षेत्र इकाई जिसकी परियोजना लागत 11 लाख रुपए है पर 60 फीसदी की दर से अनुदान राशि अधिकतम 6.60 लाख रुपए विभाग द्वारा प्रदान की जाती है। अनुदान संबंधी अधिक जानकारी के लिए जिला मत्स्य अधिकारी कार्यालय (राजकीय मत्स्य बीज फार्म कैंप) ज्योतिसर पर संपर्क किया जा सकता है।