कर्मभूमि पवित्र ग्रंथ गीता की धरती के दर्शनमात्र ही मानव कल्याण की खोलते है राह
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Kurukshetra News : गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि गीता की इस पावन धरती पर आना बहुत बड़ा सौभाग्य है। इसके लिए वे प्रदेश सरकार का आभार प्रकट करते है। साथ ही मानव कल्याण के लिए महोत्सव के आयोजन की बधाई देते है। गीता की धरती का दर्शनमात्र ही मानव कल्याण की राह खोलता है।
गीता एक ऐसा ग्रंथ है, जो सम्पूर्ण विश्व और मानवता के लिए बहुत उपयोगी है। जीवन में किसी भी नकारात्मक स्थिति से उभरने में गीता हमारा मार्गदर्शन करती है। गीता एक धार्मिक ग्रंथ है, जिसका विश्व की सर्वाधिक भाषा में अनुवाद किया गया है। आज के दौर में नई पीढ़ी संस्कारों से दूर होती जा रही है। गीता के ज्ञान से नव पीढ़ी में संस्कार आएंगे और एक सभ्य समाज की स्थापना होगी।
गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कुरुक्षेत्र वासियों सहित समस्त प्रदेश तथा देशवासियों को इस महोत्सव के आयोजन की बधाई देते हुए कहा कि गीता महोत्सव में लाखों की संख्या में लोग जुड़ रहे है। देश ही नहीं अपितु विदेशों में भी गीता का प्रचार-प्रसार बढ़ा है और विदेशों से भी लोग गीता महोत्सव में शामिल हो रहे हैं।
भगवान श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र में ही गीता का संदेश दिया था। गीता जन-जन तक पहुंचाने के लिए सरकार प्रयासरत है। गीता महोत्सव में इस दिशा में सफलतम प्रयास है। उन्होंने कहा कि करीब 5158 वर्ष पूर्व भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का संदेश दिया था जो मानव को जीने की कला सिखाता है। हमें गीता मेंं दिए ज्ञान व कर्म के संदेश के अनुसार ही जीवन यापन करना चाहिए।
ऐसा करने पर हम हर क्षेत्र में कामयाब होंगे।
एडीसी एवं सीईओ केडीबी अखिल पिलानी व नगराधीश हरप्रीत कौर ने पुरुषोतमपुरा बाग में असम प्रदेश के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत की गई सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ किया। इस दौरान असम के सभी कलाकारों को कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की तरफ से स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस सांस्कृतिक संध्या में असम के कलाकारों ने बेहतरीन प्रस्तुति देकर सभी दर्शकों को अपने मोहपाश में बांधने का काम किया। इन कलाकारों ने असम के रीति-रिवाजों, लोक गीतों और ग्रामीण आंचल की संस्कृति को अपने गीतों, नृत्यों और संगीत के माध्यम से अनोखे अंदाज में प्रस्तुत किया।