विदेश में 'दामन वाली दादी' की फैन फॉलोइंग, गोरी मैम ने दिखाया हरियाणवी जलवा
विदेशी महिलाओं ने जींस पैंट को छोड़कर हरियाणा का परंपरागत पहनावा दामन कुर्ती पहन कर यहां डांस भी किया और साथ में 3 जोड़े दमन कुर्ती भी खरीद कर अपने साथ ले गईं। यह महिलाएं सिर्फ पानीपत में दामन वाली दादी के पास यह ड्रेस खरीदने के लिए आई थी।
पानीपत पहुंची लुसियाना और उसकी बेटी स्टेला ने बताया कि वह इटली में जॉब करती है और उनके साथ ही इंडिया के मूल की रुबी भी जॉब करती है। रुबी के घर उसने यह ड्रेस देखी थी और जब से उसे इस ड्रेस को खरीदने का मन था और वह इंडिया घूमने के लिए आई थी। दिल्ली से वह पानीपत इस ड्रेस को खरीदने के लिए पहुंची।
लुसियाना ने बताया कि उनकी ड्रेस का वजन मात्र 800 ग्राम से एक किलोग्राम तक होता है, लेकिन दादी के दामन का वजन ही करीब 8 से 10 किलो के बीच में है। फिर भी उन्हें यह ड्रेस बहुत ही अच्छी लगी और यहां पहुंची और दादी ने भी उनका बहुत मान समान किया। यह ड्रेस वह अपने देश में किसी खास आयोजन में ही पहनेगी।
दामन और कुर्ती पहनना और उस पर गोटेदार चुनरी ओढ़णा हरियाणवी संस्कृति की खास पहचान मानी जाती है। यह हरियाणा का पारंपरिक पहनावा है। इस परिधान की चमक धमक आज के इस आधुनिक काल में देश-विदेश तक पहुंचाने के लिए कृष्णा देवी पूरी जी-जान से जुटी हुई हैं।
कृष्णा देवी दामन-कुर्ती सिलकर विदेशों तक हरियाणवीं संस्कृति को बढ़ावा दे रही हैं। वह डेढ़ साल में 7 से 8 लाख से ज्यादा के दामण, कुर्ती और गोटेदार चुनरी ओढ़णा बेच दिए हैं। गांव से विदेश तक लाेग उनको दादी दामन0 वाली के नाम से पहचानते हैं।
पहले गुरुग्राम, सोनीपत, करनाल, दिल्ली सहित विदेश में हरियाणा का पारंपरिक पहनावा भेज चुकी हैं। अब विदेशों में भी इस परंपरागत पहनावे की मांग बढ़ने लगी है। दूसरे देशों में रह रहे हरियाणवी मूल के लोगों को यह ड्रेस पहले देख कर यह विदेशी महिलाएं इसकी दीवानी हो गई और भारत घूमने के लिए आई तो पानीपत में पहुंची और इस ड्रेस को खरीद कर अपने साथ ले गई।