रक्षाबंधन पर बहन ने की भाई के प्राणों की रक्षा, मौत के मुंह से खींच लाई बहन , जानिए क्या है पूरी खबर
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पिछले दो सालों से दीपचंद की सेहत में गंभीर समस्याएँ थीं, जिनमें उनकी किडनियाँ खराब हो गई थीं। उन्होंने डायलिसिस के बाद भी स्वास्थ्य में सुधार नहीं देखा और डॉक्टरों की सलाह पर किडनी ट्रांसप्लांट की आवश्यकता समझी।
इस समय कठिनाईयों के बावजूद, बेबी ने अपने परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर यह निर्णय लिया कि वह अपनी किडनी की दान अपने छोटे भाई के उपचार के लिए करेंगी। इस सराहनीय कदम से उन्होंने दीपचंद की जिंदगी को उजाले में बदलने का आदर्श प्रस्तुत किया है।
दीपचंद ने बताया कि उन्हें रक्षाबंधन के मौके पर बहन से तोहफा देने का विचार था, लेकिन बेबी ने उनकी जिंदगी को बचाने का सूचना संदेश बनाया। वह इस साहसी कदम के लिए अपनी बड़ी बहन की सराहना करते हैं और उन्हें अपने जीवन में एक नई उम्मीद की राह मिली है।
महात्मा गांधी अस्पताल के डॉक्टरों के मुताबिक, बेबी ने एक अद्वितीय और नोबल कार्य किया है, जिससे उनके छोटे भाई की जिंदगी को नया संचार मिला है। उन्हें सम्मान और प्रेरणा के हकदार माना जाता है जिन्होंने परिवार के एक सदस्य की जान को बचाने के लिए अपने असामान्य साहस का प्रदर्शन किया।