हरियाणा में आशा वर्करों का प्रदर्शन, बोली : सरकार ने की वायदा खिलाफी, मांगें नहीं मानने तक जारी रहेगी अनिश्चितकालीन हड़ताल
![p](https://haryanakhabar.com/static/c1e/client/101420/uploaded/31ebd5386fb6f9c1b1ee41beab8230b3.jpg)
आशा वर्कर यूनियन के जिला सचिव सोनिया ने कहा कि 2018 में हड़ताल के दौरान मानी गई मांगों को पूरा नहीं किया गया। जिसके कारण मजबूरन हड़ताल करनी पड़ रही है। अगर सरकार मांग नहीं मानती है तो हड़ताल अनिश्चितकालीन जारी रहेगी। आशा वर्कर सोनू ने कहा कि सरकार ने उनके साथ वायदा खिलाफी की है।
आशा वर्कर ने मांग की कि 2018 के बाद से आशा वर्कर्स के काम में कई गुना बढ़ोतरी हो चुकी है, लेकिन पांच साल में मानदेय नहीं बढ़ा। आशा वर्करों को 26 हजार रुपए न्यूनतम वेतन दिया जाए और पक्के कर्मचारी का दर्जा दिया जाए। मानदेय और प्रोत्साहन राशि को महंगाई भत्ते के साथ जोड़ा जाए। ESI, PF व रिटायरमेंट लाभ दिए जाएं। अनुभव व योग्यता के आधार पर पदोन्नति दी जाए।
उन्होंने कहा कि सभी सेंटरों पर आशा वर्कर के बैठने व सामान रखने की व्यवस्था की जाए। जहां सब सेंटर नहीं हैं, वहां आशा सेंटर खोले जाएं। 8 एक्टिविटी के काटे गए 50 प्रतिशत को वापस दिया जाए और सीएम द्वारा घोषित 7 हजार रुपए जारी किए जाएं। वर्करों को पीएचसी मीटिंग में जाने व मरीज के साथ जाने का किराया दिया जाए। सेवानिवृत्ति उम्र 65 वर्ष, ड्रेस के लिए 2000 रुपए करते हुए रिपोर्टिंग के लिए प्रोत्साहन राशि फिक्स की जाए।