एचसीएस अफसर बनने के लिए आंध्र प्रदेश कमीशन में छोड़ी नौकरी , पूरा हुआ सपना , पढ़ें संघर्ष की कहानी
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गांव सींक के रहने वाले जसवंत मलिक ने हरियाणा सिविल सर्विस (एचसीएस) परीक्षा में प्रदेश में दूसरा स्थान प्राप्त किया। जबकि इससे पहले प्रयास में वो इंटरव्यू के दौरान गणित के सवालों में उलझने के कारण कुछ ही नंबरों से चूक गए थे। फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और मेहनत के साथ तैयारी में जुट गए। अब परिणाम सभी के सामने है।
जसवंत का सपना एचसीएस बनना था, इसलिए उन्होंने आंध्र प्रदेश कमीशन में लगी नौकरी तक छोड़ दी थी। वहीं, बेटे की उक्त उपलब्धि पर स्वजनों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं है। वीरवार को दूसरे दिन भी स्वजनों को बधाई मिलती रही। जसवंत अभी दिल्ली में ही है। शुक्रवार को वो घर आएगा।
जसवंत मलिक को बचपन से ही अफसर बनने की ललक थी। ऐसे में उसने स्कूली शिक्षा के बाद पांच साल पहले तैयारी शुरू कर दी। इतना ही नहीं, बल्कि स्वजनों से लेकर रिश्तेदारों तक से दूरी बना ली। ताकि तैयारी में दिक्कत न हो। वो कई कई माह में स्वजनों से मिलने के लिए घर आता था। जसवंत यूपीएससी की मुख्य परीक्षा भी दे चुका है। 23 अक्टूबर को फारेस्ट ऑफिसर की परीक्षा भी है।
पिता सुरजीत मलिक राजकीय स्कूल में लेक्चरर के पद पर कार्यरत है। मां कृष्णा मलिक गृहणी है। पिता ने बताया कि दो बेटे व एक बेटी है। जसवंत सबसे छोटा है। उसने 10वीं व 12वीं की पढ़ाई जिले के स्कूलों से ही की। इसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोडीमल कालेज से बीएससी गणित की।
पब्लिक पालिसी कोर्स जसवंत गोल्ड मेडल पा चुका है। उसकी आंध्र प्रदेश के कमीशन में नौकरी लग गई थी। लेकिन एचसीएस बनने के लिए कुछ माह करने के बाद नौकरी छोड़ तैयारी शुरू कर दी। पिता ने बताया कि जसवंत यूपीएससी को लेकर भी तैयारी कर रहा है। आइएफएस बनना भी उसे पसंद है। अब एचसीएस बन गया है तो अगले पड़ाव को भी मेहनत के दम पर पार कर लेगा।