महिला थाने की इंस्पेक्टर द्वारा 600 परिवारों को टूटने से बचाया गया, घरों में फिर बसाई खुशियां
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इंस्पेक्टर इंदूबाला के अनुसार, आर्थिक संकट या नशे की समस्या के कारण पति-पत्नी के बीच तकरार और सास-बहू के आपसी मतभेद जैसे मुद्दे आए हैं, जिनके कारण परिवार का समर्थन टूट सकता है। इस तरह के मामलों में, इंस्पेक्टर इंदूबाला ने दोनों पक्षों के बीच समझौता करवाकर उनके घर की खुशियां बनाने का प्रयास किया।
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इंस्पेक्टर ने बताया कि महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा को रोकने के लिए पुलिस उनकी सुरक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने महिलाओं से महिला हेल्पलाइन 1091 का प्रयोग करने की सलाह दी और किसी भी समय संपर्क करने की आवश्यकता होने पर उन्हें उनकी मदद करने का आश्वासन दिया।
एक उदाहरण के रूप में, पलवल जिले के एक परिवार में शादी के 20 वर्ष बाद तनाव बढ़ गया था। महिला थाने की मदद से उनके बीच में समझौता हो पाया और उनका परिवार फिर से खुशियों से भर गया। दूसरे मामले में, नोएड़ा से एक विधवा महिला के मामले में भी महिला थाने ने ससुर और बहू के बीच की मतभेद को सुलझाया और परिवार को बचाया। अकेले रहने वाली विधवा महिला के ससुराल में ज्यादा हस्तक्षेप करने की स्थिति से उत्पन्न होने वाले तनाव को महिला थाने ने दूर करने में मदद की। ससुराल में बढ़ते तनाव के मामले में उन्होंने मायके और ससुराल के बीच समझौता कराने में सहायता प्रदान की। इस परिणामस्वरूप, परिवार में शांति बनी और खुशियां फिर से लौटी।
उक्त मामले में, पलवल जिले की एक विधवा महिला के ससुराल में तनाव बढ़ गया था। इसके परिणामस्वरूप, महिला थाने ने ससुराल और मायके दोनों पक्षों को समझाने का काम किया और मदद की। इससे परिवार में शांति बनी और ससुराल की स्थिति में सुधार हुआ| इंस्पेक्टर इंदूबाला ने बताया कि ससुराल में विधवा होने के कारण हस्तक्षेप बढ़ गया था, जिससे तनाव बना रहता था। उन्होंने मायके और ससुराल के पक्षों को समझाने के लिए काउंसलिंग का आयोजन किया और उन्हें उनके संघर्ष को समझाया।
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उन्होंने बताया कि वह ने ससुर से भी बातचीत की और उन्हें उनकी बेटी के प्रति सहमति दिलाने की कोशिश की। इसके बाद, ससुराल की तनावमुक्ति के लिए प्रयास किए गए और परिवार की स्थिति में सुधार हुआ। एक और मामले में, पति ने अपनी साली की बेटी को अपने साथ ले जाने का फैसला किया था। इससे पत्नी अपने बच्चों के साथ मायके गई और मायके में रहने लगी। इससे ससुराल में सुधार हुआ और ससुराल ने अपनी बहू और पोते-पोती को वापस बुलाया। अब परिवार खुशहाली से जी रहा है।
इस तरह के प्रयासों से महिला थाने ने समाज में खुशहाली बढ़ाने का संकल्प लिया है। वह महिलाओं के अधिकारों की पालना करने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने में सक्षम हैं।