आशा वर्करों ने दी गिरफ्तारियां, 6 बसों में 500 महिलाओं को ले जाया गया पुलिस लाइन
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Haryana khabar : हरियाणा के पानीपत में 50 दिन से हड़ताल पर चल रही आशा वर्करों ने आंदोलन तेज करते हुए सोमवार को गिरफ्तारियां दी। लघु सचिवालय में प्रदर्शन के बाद आशाओं ने अपनी गिरफ्तारी दी है। करीब 500 महिलाओं को पुलिस दलबल व बतौर ड्यूटी मजिस्ट्रेट तहसीलदार की मौजूदगी में आशाओं को लघु सचिवालय से ही रोडवेज बसों और पुलिस की बसों में बैठाया गया।
इसके बाद सभी बसों को सिवाह स्थित पुलिस लाइन ले जाया गया है। आशाएं अब पुलिस लाइन में ही अपनी अगली रणनीति तैयार करेंगी।
गौरतलब है कि 8 अगस्त से चल रही आशा वर्करों की हड़ताल से जच्चा-बच्चा की देखभाल व टीकाकरण सहित आशा वर्करों द्वारा किया जाने वाले सर्वे का काम बुरी तरह प्रभावित है। अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सुभाष लांबा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से मामले में तुरंत हस्तक्षेप कर आशा वर्करों की मांगों का समाधान कर हड़ताल खत्म करवाने का आग्रह किया है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 के बाद से आशा वर्कर पर कई तरह के काम थोप दिए गए हैं, लेकिन वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई। ऑनलाइन कामों के लिए आशा वर्करों को कोई अतिरिक्त भुगतान नहीं किया जा रहा। उल्टे उनकी प्रोत्साहन राशियों में कटौती की गई है।
उन्होंने कहा कि आशा वर्कर्स के मानदेय को महंगाई भत्ते के साथ जोड़ा जाए। जिला अस्पताल सीएचसी व पीएचसी पर डिलीवरी रूम में दो-दो महिला डॉक्टर भर्ती किए जाएं। अल्ट्रासाउंड मशीन, एक्स-रे मशीन का इमरजेंसी में करवाने का प्रबंध किया जाए व मशीनों को चलाने के लिए ऑपरेटर की भर्ती की जाए।
खून जांच करवाने के लिए पहले पर्ची के लिए लाइन में लगना पड़ता है। फिर डॉक्टर के पास लाइन में लगना पड़ता है। बाद में रिपोर्ट लेने के लिए लाइन में लगना पड़ता है। उसके पश्चात डॉक्टर को रिपोर्ट दिखाने के लिए लाइन में लगना पड़ता है। अगर तब तक ढाई या 3 बज जाए तो डॉक्टर घर चला जाता है तो फिर उस रिपोर्ट को दिखाने के अगले दिन फिर जाना पड़ता है। इस तरह की कठिनाई से जनता बहुत परेशान है।