हरियाणा के 5 खिलाड़ियों का पैरा एशियन गेम्स में सिलेक्शन, एशियन गेम्स में चीन में होगा मुकाबला

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हरियाणा के 5 खिलाड़ियों का पैरा एशियन गेम्स में सिलेक्शन, एशियन गेम्स में चीन में होगा मुकाबला

हरियाणा के 5 खिलाड़ियों का पैरा एशियन गेम्स में सिलेक्शन, एशियन गेम्स में चीन में होगा मुकाबला


Para Asian Games  : चीन के हांगझोऊ शहर में होने वाले पैरा एशियन गेम्स में हरियाणा में रेवाड़ी जिले के 5 खिलाड़ियों का चयन हुआ है। इनमें पूजा यादव, लक्षित यादव, टेकचंद, शर्मिला धनखड़ व प्रवीण शामिल है। ये सभी खिलाड़ी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीतकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर चुके हैं। इनका मुकाबला अब 18 अक्तूबर से शुरू होगा। इनमें से कुछ खिलाड़ियों को एथलेटिक कोच अनिल यादव राव तुलाराम स्टेडियम में सुबह-शाम अभ्यास करा रहे हैं।

बाइक से गिरकर लक्षित को लगी चोट
चयनित हुए रेवाड़ी के गांव खिजुंरी निवासी लक्षित यादव की करीब 5 साल पहले बाइक से गिरने के कारण रीढ़ की हड्डी में चोट लग गई थी, जिसके कारण वह व्हील चेयर पर हैं। पैरा प्रशिक्षक टेकचंद को जब लक्षित के बारे में पता चला तो उन्होंने उसका हौसला बढ़ाते हुए खेलों में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके बाद 2021 में बहरीन में आयोजित हुई चतुर्थ एशियन यूथ पैरा गेम्स में 6.90 मीटर दूर गोला फेंककर और 17.95 मीटर दूर भाला फेंककर 2 पदक जीते थे। लक्षित अभी एशियन गेम्स की तैयारियों में जुटा हुआ है।

बचपन में कुएं में गिरी पूजा यादव
धारूहेड़ा कस्बा की रहने वाली पूजा यादव ने बताया कि बचपन में वह कुएं में गिर गई थीं। इससे उनकी रीढ़ की हड्डी में चोट आ गई थी। वह कई वर्ष तक बिस्तर पर ही रहीं। इसके बाद उन्होंने हिम्मत दिखाते हुए वर्ष 2017 में खेलों में हिस्सा लेना शुरू किया था। उन्होंने जयपुर में आयोजित 17वीं नेशनल पैरा एथलेटिक्स प्रतियोगिता के शॉटपुट में पदक जीतकर दिव्यांगता को मात दी थी।

इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उनके पास जैवलिन थ्रो, शॉटपुट और डिस्कस थ्रो तीनों में पदक जीतने का अनुभव है। उन्होंने इसी साल पेरिस में 8 से 17 जुलाई को आयोजित हुई विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 14.70 मीटर दूर भाला (जैवलिन थ्रो) फेंककर कांस्य पदक पदक जीतकर देश, प्रदेश और जिले व कस्बा का नाम रोशन किया था। अब उनका चयन एशियन गेम्स में हुआ है।

शर्मिला ने 2020 में अभ्यास शुरू किया
रेवाड़ी शहर स्थित सनसिटी निवासी पैरा खिलाड़ी शर्मिला का चयन चीन में आयोजित होने वाले एशियन गेम्स के लिए हुआ है। शर्मिला ने 2020 में रेवाड़ी तुलाराम स्टेडियम में पैरा-कोच टेकचंद (पैरा-ओलंपियन) के मार्गदर्शन में शॉटपुट का अभ्यास शुरू किया था। इससे पहले शर्मिला जिले की पहली महिला बस कंडेक्टर भी रह चुकी है।

दो बेटियों की मां शर्मिला महज 3 साल में ही अपनी कड़ी मेहनत और प्रबल इच्छा शक्ति से कई मुकाम हासिल किए हैं। शर्मिला ने बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में चौथा स्थान, 13वीं फज्जा वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स ग्रैंड प्रिक्स 2022 में 5वां स्थान प्राप्त किया था। मार्च 2022 में नेशनल शॉटपुट और मार्च 2021 में नेशनल शॉटपुट में स्वर्ण पदक, इंडियन ओपन-2021 में जैवलिन में एक स्वर्ण और शॉटपुट में सिल्वर मेडल प्राप्त किया था। उन्हें इसी साल 10 मार्च को करनाल में आयोजित हुए समारोह में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्पोर्ट्स वूमेन अवॉर्ड से सम्मानित किया था।

प्रशिक्षक के पद पर कार्यरत टेकचंद
​​​​​​​जिला खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग में प्रशिक्षक के पद पर कार्यरत बावल निवासी टेकचंद का चयन एशियन गेम्स में हुआ है। उन्होंने इससे पहले वर्ष 2018 में इंडोनेशिया के जकार्ता में आयोजित एशियन गेम्स में कांस्य पदक विजेता रहे हैं। वर्ष 2019 में दुबई में आयोजित विश्व चैंपियनशिप में छठा रैंक हासिल किया था।

वर्ष 2021 में 26 मार्च को बेंगलुरु में आयोजित राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक चैंपियनशिप में उन्होंने जैवलिन, डिस्कस और शॉटपुट में एक-एक स्वर्ण पदक जीते थे। इसके बाद 2021 में ही टेकचंद ने टोक्यो में आयोजित हुए पैरालिंपिक गेम्स में ध्वजवाहक के रूप में भारतीय दल का नेतृत्व किया था। इस गेम में अचानक गेम चेंज होने की वजह से पूरी तैयारी नहीं हो पाई।

टेकचंद ने जेवलिन थ्रो की प्रैक्टिस की थी, लेकिन दो दिन पहले कैटेगरी और गेम दोनों चेंज हुए, जिसकी वजह से प्रदर्शन पर असर पड़ा। जिससे वह हार गए। 37 वर्षीय टेकचंद का वर्ष 2005 में सड़क दुर्घटना में दिव्यांग हो गए थे। उस दौरान रेवाड़ी के एथलेटिक प्रशिक्षक रहे भीम अवार्डी सतबीर सिंह ने उन्हें न केवल संबल प्रदान किया बल्कि उन्हें खेलों के जरिए अपनी दिव्यांगता को मात देने के लिए प्रेरित किया।

बचपन में ही पोलियो से ग्रस्त हुए प्रवीण
जिला गुरुग्राम के गांव हकदारपुर के रहने वाले प्रवीण कुमार ने बताया कि बचपन में उन्हें पोलियो हो गया था। उसके बाद उन्होंने जेबीटी टीचर रहते हुए प्राइवेट स्कूलों में बच्चों को पढ़ाया। 2017 में वह राव तुलाराम स्टेडियम में एथलेटिक कोच अनिल यादव से मिले। उन्होंने गेम्स के बारे में बताया और आगे बढ़ते रहने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने बताया कि उनका पहला मेडल 2017 में रोहतक में आयोजित हुए खेल महाकुंभ में जीता।

उसके बाद अपनी कड़ी मेहनत और प्रबल इच्छा शक्ति से राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई मेडल हासिल किए। इस साल भी दुबई में आयोजित हुई वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में जैवलिन व डिस्कस थ्रो में ब्रॉन्ज मेडल जीते थे। अब उनका चयन पैरा एशियन गेम्स में हुआ है। अभी प्रवीण रेवाड़ी के राव तुलाराम स्टेडियम में प्रैक्टिस कर रहे हैं।

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