हरियाणा में बेरोजगारी बनी चुनौती, पिछले आठ साल में 12 युवाओं ने की आत्महत्या
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Haryana Unemployment: हरियाणा (Haryana) विधानसभा में बेरोजगारी के मुद्दे पर बहस के बीच गहराईयों से आने वाली जानकारी ने चौंकाया है। पिछले साल हरियाणा राज्य में बेरोजगारी की वजह से आत्महत्या करने वाले छह युवाओं के मामले सामने आए हैं। इनमें गुरुग्राम (Gurugram) के अमित(Amit), पवन कुमार(Pawan Kumar), आकाश (Akash), रोहतक (Rohtak) के सचिन (Sachin), भिवानी(Bhiwani) के पवन कुमार (Pawan Kumar) और कैथल(Kaithal) के वीरेंद्र (Virender) शामिल हैं। इसके साथ ही पिछले आठ सालों में राज्य में 12 बेरोजगार युवाओं ने आत्महत्या की है। इनमें आठ युवाएँ गुरुग्राम जिले के हैं।
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मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया कि प्रदेश में हर साल लाखों युवा नौकरी की तलाश में हैं, और उन्हें रोजगार कार्यालयों में नाम दर्ज करवाने की जरूरत होती है। वर्तमान में प्रदेश में लगभग दो लाख रिक्त पद हैं, जो बेरोजगार युवाओं के लिए एक अवसर प्रस्तुत करते हैं।
बेरोजगारी की बढ़ती समस्या को लेकर हरियाणा विधानसभा में चर्चा के दौरान महम निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से सवाल किया था। मुख्यमंत्री ने इसका जवाब देते हुए बताया कि केंद्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अनुसार हरियाणा की बेरोजगारी दर वर्ष 2023 के जनवरी से मार्च के बीच 8.8 प्रतिशत रही है। प्रदेश में औसतन एक लाख 69 हजार युवा रोजगार कार्यालयों में नाम दर्ज करवा रहे हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, हरियाणा में वर्तमान में दो लाख पद खाली हैं, जो बेरोजगारी की समस्या को और भी गंभीर बनाता है। यहाँ तक कि 2014 में गुरुग्राम में विकास, 2015 में कृष्ण कुमार, 2017 में धनंजय मिश्रा, 2018 में रवि, और 2020 में अजय और अमित जैसे युवाएँ बेरोजगारी के चलते आत्महत्या कर चुकी हैं।
बेरोजगारी की समस्या को देखते हुए सरकार को युवाओं के रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने और उनकी प्रोत्साहना के लिए सकारात्मक कदम उठाने की आवश्यकता है।