हरियाणा की इस जिले की लड़की ने रच दिया इतिहास, कम उम्र में संभाल रही पूरे गांव की चौधर
हरियाणा में चारों तरफ चुनावी माहौल फैला हुआ है इसी के चलते हरियाणा की तरफ से एक बहुत बड़ी खुशखबरी भी हम सभी के सामने आई है। जहां एक तरफ पंचायती राज संस्थानों के पहले चरण में 9 जिलों का चुनाव खत्म हो चुके हैं वही इन चुनावों में हरियाणा ने कामयाबी हासिल की है।
हरियाणा में चारों तरफ चुनावी माहौल फैला हुआ है इसी के चलते हरियाणा की तरफ से एक बहुत बड़ी खुशखबरी भी हम सभी के सामने आई है। जहां एक तरफ पंचायती राज संस्थानों के पहले चरण में 9 जिलों का चुनाव खत्म हो चुके हैं वही इन चुनावों में हरियाणा ने कामयाबी हासिल की है। वही चारों तरफ बराबरी की टक्कर लगी हुई है सब एक से बढ़कर एक प्रदर्शन कर रहे हैं।
तो वही कोई 1 वोट से जीत रहा है तो कोई बराबर वोट पर जिसके बाद सूरत में तो से सरपंच को चुना गया है। इस बार की सबसे खास बात यह है कि कई गांव में बीए, बीकॉम, इंजीनियरिंग आदि पड़ रहे युवाओं को उम्मीदवार में सरपंच चुना गया है।
![हरियाणा की इस जिले की लड़की ने रच दिया इतिहास, कम उम्र में संभाल रही पूरे गांव की चौधर](https://haryanakhabar.com/static/c1e/client/101420/migrated/f058fcbd709fd3f5879a02709d8e7f9e.jpeg)
इस बार हरियाणा की लड़की ने इतिहास रचा है बता देंगी गांव कुंडा ना की बेटी अंजू प्रदेश की सबसे कम उम्र की सरपंच बनी है। वह बीएएमएस प्रथम वर्ष की छात्रा है। उन्हें 244 मतों से मात दी गई है। बता दें कि इस पूरे गांव की आबादी को देखा जाए तो यह 10 हजार होगी वही जिनमें से अंजू को इस पूरे गांव का सरपंच बनाया गया है और यह भी देखा गया कि अंजू सबसे कम उम्र की सरपंच बनी है।
इतना ही नहीं जब उन्होंने सरपंच का खिताब अपने नाम किया तो सब लोग के परिवारों के लोगों सहित पूरा गांव बेहद खुश है और खुशियां बना रहा है जब वह गांव में आ रही थी तो सभी ग्रामीणों ने उनका बड़े ही खुशी से स्वागत भी किया। वही अंजू ने भी ग्रामीणों से कहा कि उन्होंने जो मुझसे आस्था जताई है।
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उसके बदले वह गांव का विकास करने का पूरा प्रयास करेगी और कहां है कि गांव में विकास कार्य को लेकर कुछ नई पहल भी की जाएगी जिसके बाद हमारे गांव को एक अलग पहचान मिल जाएगी।
अंजू की मां डॉक्टर नरसी खुद ना की ही पढ़ी-लिखी बेटी अंजू है जिन्होंने आज सरपंच का खिताब जीता है। वही ग्रामीणों ने सरपंच चुनकर बेटियों को नई पहचान भी दिलाई है और बेटियों के लिए एक कदम और आगे बढ़ाया है। ग्रामीणों ने एक अच्छी राजनीतिक प्रेरणा की स्थापना भी की है। वहीं गांव की पूरी चौधर एक लड़की को मिलने पर सभी ग्रामीण बेहद खुश हैं।