आख़िर क्यों एक मुगल बादशाह ने अपनी ही बेगम को दफनाया वो भी तीन अलग अलग जगह, जानिए क्या थी इसकी वजह ?
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Haryana khabar (Pallavi): क्या हों अगर आपको पता चले की एक मुगल बादशाह ने अपनी ही बेगम को दफनाया वो भी तीन बार और अलग अलग जगह। जानकर हैरानी होगी लेकिन ये सच है। मुगल शासक शाहजहां के बारे में तो आप जानते ही होंगे उनकी सबसे प्रिय बेगम थी मुमताज महल। उनकी मौत अपने 14 वी संतान को पैदा करते समय हुईं थीं। शाहजहा से अपनी मौत से पहले मुमताज महल ने वादा लिया की वो अपनी किसी और बेगम या किसी अन्य महिला से बच्चा पैदा नही करेगा।
आगरा में स्थित ताजमहल जो प्यार की निशानी कहा जाता हैं 8 अजूबों में शामिल हैं जिसके मुख्य गुंबद में मुमताज महल का शव दफनाया गया था। लेकिन क्या आप जानते हैं की मुमताज महल ही वो बेगम थी जिसको उनके ही पति ने तीन बार दफनाया था वो भी अलग अलग जगह। अपने 14 वे बच्चे को जन्म देने के समय 30 घंटे की प्रसव वेदना से जूझने के बाद मुमताज की सांसे 17 जून 1631 को थम गई थी। मुमताज़ की मौत के बाद उनके शव को मध्य प्रदेश में बुरहानपुर में पापी नदी के पास एक बगीचे में दफन किया गया था।
लेकिन मौत के कुछ समय पश्चात ही मुमताज़ महल के शव को बुरहानपुर से निकाल कर आगरा में यमुना नदी के किनारे 8 जनवरी 1632 को दफनाया गया। दूसरी बार शव की कब्र बदलने पर भीं शाहजहा के मन में शांति नहीं आई तो उन्होंने तीसरी बार मुमताज़ महल के लिए कब्र बनाने का फ़ैसला किया और इसी फ़ैसले के कारण मुमताज़ महल के शव को आख़िरी बार ताजमहल में दफनाया गया।